
उत्तर प्रदेश में निवेश के अवसरों को बढ़ाने के लिए आज मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में भारत में जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी, राजनीतिक परामर्शदाता जापान दूतावास केंटारो ओरिटा, द्वितीय सचिव मयूमी त्सुबाकिमोती के साथ बैठक हुई। जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी भी सम्मिलित हुए। मंत्री नन्दी ने जापान से आए अतिथियों का स्वागत एवं अभिनन्दन किया।
बैठक में जापान और उत्तर प्रदेश के बीच द्विपक्षीय सम्बंध पर विस्तृत वार्ता हुई। जापानी कंपनी-कुबोटा एग्रीकल्चरल मशीनरी इंडिया एक अनोखे मॉडल फॉर्म के लिए कानपुर विश्वविद्यालय के साथ सहयोग कर रही है। जिससे राज्य के किसानों को लाभ होगा। एआरएमएस निगम की प्रतिनिधि सुश्री काने नकाया ने अपनी जापानी कंपनी के माध्यम से उचित कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके अपनी सबसे बड़ी युवा आबादी-कार्यबल के कारण यूपी से जापान तक मानव पूंजी आंदोलन की भारी संभावना पर प्रकाश डाला।
मंत्री नन्दी ने कहा कि उत्तर प्रदेश का औद्योगिक विकास द्विपक्षीय सहयोग, सतत संवाद और आपसी समन्वय की मजबूत बुनियाद पर आधारित है। जापान के साथ हमारे व्यापारिक एवं औद्योगिक सम्बन्ध भी इसी कार्ययोजना पर आधारित हैं। मंत्री नन्दी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलग-अलग देशों के सहयोग से औद्योगिक विकास के रोडमैप को न केवल प्रभावी ढंग से लागू किया है बल्कि इसमें उत्तर प्रदेश को एक रोल मॉडल के रूप में स्थापित किया है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 ने उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति को नया विस्तार और नई रफ्तार प्रदान की है। हमें भारत के ग्रोथ इंजन के रूप में एक नई पहचान मिली है। जापान ने यूपीजीआईएस-2023 में पार्टनर कंट्री के रूप में सहभागिता की। यह हमारे बीच के गहन आर्थिक व व्यापारिक सहयोग का स्पष्ट प्रमाण है।
मंत्री नन्दी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में यामाहा मोटर्स, होण्डा मोटर्स, मित्सुई टेक्नोलॉजीज जैसी जापान की तमाम विश्व प्रतिष्ठित कम्पनियाँ कार्यरत हैं। आज की यह बैठक इस आयाम को एक नया विस्तार देने में प्रभावी साबित होगी। जापान और उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विरासत एक-दूसरे के बेहद करीब रही है। भगवान बुद्ध के उपदेश और उनका जीवन दर्शन हमारे बीच एक अटूट सम्बन्ध स्थापित करते हैं।
जापान महात्मा बुद्ध में आस्था रखने वाला देश है और उत्तर प्रदेश में महात्मा बुद्ध के जीवन से जुड़े दो बेहद महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं। सारनाथ-जहाँ उन्होंने अपना पहला उपदेश दिया और कुशीनगर- जहाँ उन्होंने महानिर्वाण प्राप्त किया। हमारी सरकार द्वारा कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण और संचालन से दोनों संस्कृतियाँ एक-दूसरे के और नजदीक आई हैं। सारनाथ-कौशाम्बी-श्रावस्ती-कुशीनगर आदि बौद्धस्थलों को जोड़ने वाले बौद्ध सर्किट का निर्माण प्रगति पर है! आज की यह बैठक दो समृद्ध संस्कृतियों के बीच गहरी और मजबूत साझेदारी के नये अध्याय की शुरुआत है।
इस अवसर पर राज्यमंत्री जसवंत सिंह सैनी, प्रमुख सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल एव अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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