
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ तैयार हुए इंडी एलायंस के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार धुरी हैं, यह अब साबित हो गया है। कांग्रेस ने पांच राज्यों के चुनाव में इंडी एलायंस की अनदेखी की तो नीतीश ने सीधे-सीधे खुले मंच से टोक दिया। उन्होंने हंसी के अंदाज में कांग्रेस को कड़वी बात सुना दी। इसके बाद बिहार में कांग्रेस के अभिभावक बने राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। अब कांग्रेस मुख्यालय से राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने फोन पर बात कर उन्हें भरोसा दिलाया कि सबकुछ ट्रैक पर ह
लालू के मिलने की जरूरत कांग्रेस ने भी समझी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब भारतीय कॉम्युनिस्ट पार्टी की रैली के मंच पर पहुंचकर कांग्रेस की उदासीनता पर तंज कसा तो देश की राजनीति में हड़कंप मच गया।
से पहले ही विपक्षी एकता में यह हड़कंप असर दिखाता नजर आया। राजद अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे। बिहार विधानमंडल के सत्र को लेकर यह मुलाकात सामान्य भी मानी जा सकती थी, लेकिन जिस तरह से नीतीश ने कांग्रेस पर सीधे-सीधे तंज कसा तो किसी बड़े नेता का मिलना लाजिमी था। कांग्रेस में प्रदेश स्तर के किसी नेता के लिए नीतीश के खट्टे मन को मीठा करना संभव नहीं था, इसलिए माना जा रहा है कि कांग्रेस मुख्यालय की ही पहल पर राजद अध्यक्ष मिलने पहुंचे। इस मुलाकात में भी क्या बात हुई, इसे सार्वजनिक नहीं किया गया लेकिन इसके साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कॉल आने से सब साफ हो गया है कि नीतीश की बात से विपक्षी एकता में दरार का खौफ कांग्रेस मुख्यालय तक पहुंच गया है।
संयोजक नहीं बनाए गए, सूत्रधार और फिर आधार बताए गए
23 जून को बिहार में पहली बार जब विपक्षी एकता के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर पटना में भाजपा-विरोधी दलों का महाजुटान हुआ तो उनका संयोजक बनाया जाना पक्का माना जा रहा था। लेकिन, ऐसा अगली दो बैठकों में भी नहीं हो सका। बेंगलुरु बैठक के बाद मीडिया से बिना मिले नीतीश वापस आए तो यह सवाल ज्यादा गूंजा। तब जनता दल यूनाईटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार विपक्षी एकता के सूत्रधार हैं। दो दिन पहले तक वह सूत्रधार ही थे, लेकिन गुरुवार को जब उन्होंने कांग्रेस की उदासीनता पर कटाक्ष कर दिया तो शुक्रवार को बिहार सरकार के मंत्री संजय झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी एकता का आधार बता दिया। उन्होंने कहा कि वह फाउंडर हैं, इसलिए कुछ लगेगा तो बोलेंगे ही। इन बयानों के बाद लालू प्रसाद यादव का मिलना और कांग्रेस मुख्यालय का कॉल आना साफ करता है कि विपक्षी एकता के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कितने खास हैं।
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