
दीपावली महापर्व इस बाद छह दिनों का होगा। शुभ संयोगों के बीच इसकी शुरुआत शुक्रवार को धनतेरस से हो रही है। शनिवार को नरक चतुर्दशी (छोटी दीपावली), रविवार को दिवाली, सोमवार को स्नान-दान की अमावस्या, मंगलवार को अन्नकूट व गोवर्धन पूजा बुधवार को यम द्वितीया, भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा का आयोजन किया जा
धनतेरस 10 नवंबर को है। इस दिन कार्तिक कृष्ण द्वादशी का मान दिन में 11 बजकर 47 मिनट तक पश्चात त्रयोदशी तिथि है। इस दिन हस्त नक्षत्र संपूर्ण दिन और रात्रि 12 बजकर 22 मिनट तक है। अमृत नामक औदायिक योग भी है। अमृत योग होने से यह दिन खरीदारी के लिए उत्तम और श्रेष्ठ रहेगा।
पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनुसार, इस दिन धनतेरस के साथ ही धन्वंतरि जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन धन के स्वामी कुबेर की पूजा भी होती है। इस दिन धातु के बने बर्तनों को खरीदना आगामी वर्ष के लिए समृद्धिदायक माना जाता है। धनतेरस के दिन शाम को यम के निमित्त दीपदान होता है। ऐसा करने से आने वाले वर्ष में घर में अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।
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