
कानपुर शहर में सन 2000 से 2020 तक जरायम की दुनिया में सक्रिय रहे झांसी में मुठभेड़ में मारे गए राशिद कालिया उर्फ राशिद ऊंट का बचपन बेगमपुरवा में जम्मे वाली गली में बीता है। यहां की पार्क में क्रिकेट खेला करता था। मोहल्ले के कुछ लोगों ने उसे बम कसना सिखा दिया, तो अक्सर बेगमपुरवा की तंग गलियों में बम की टेस्टिंग किया करता था।
लंबाई औसत से कुछ ज्यादा हुई, तो लोग उसे राशिद ऊंट कहने लगे। सूत्रों के मुताबिक 2002 के आसपास बेगमपुरवा में रहने के दौरान ही उसने अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर ‘भोर के लुटेरों’ का गैंग बनाया था। कुछ समय बाद स्मैक की लत लगी तो, उस दौरान जरायम में सक्रिय शफीक बोल्टू, सरताज चिड्ढा, पप्पू चिकना और रईस हनुमान का साथ पकड़ लिया।
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