
तीसरी लहर में डेंगू का कहर , पालिका बेख़बर
लहरपुर सीतापुर
जहां एक और पूरे देश मे कोरोना की तीसरी लहर बहुत तेज़ी से अपने पांव पसार रही है जिसमे बच्चों में इसके लक्षण दिखने औऱ अस्पताल फुल होने लगें हैं वही डेंगू का कहर का भी लगातार जारी है तहसील लहरपुर में डेंगू से कई मौतें भी हो चुकी हैं लेकिन नगर पालिका प्रशासन पर इसका कोई असर देखने को नही मिल रहा है। पालिका प्रासशन द्वारा नगर में न ही फॉगिंग कराई गई न ही कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराया गया लहरपुर सहित अब पूरे जिले में डेंगू अपना कहर भरपा कर रहा है जिधर नज़र दौड़ाये उधर डेंगू की दहशत लोगों में फैलती नज़र आ रही है । जिलाधिकारी सीतापुर द्वारा नगर व ग्रामीण अंचल में फॉगिंग व छिड़काव का आदेश जारी किया गया है परंतु प्रशासन पर इसका कोई खास असर नही पड़ता दिखाई दे रहा है ।लखनऊ के बहुचर्चित हास्पिटल पी जी आई जैसे अस्पतालो मे डेंगू के पीड़ित मरीज़ो को भी भर्ती नही लिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार वहाँ बेड खाली नहीं है कहकर मरीज़ो को भर्ती नहीं किया जा रहा है कोई कहता है कि मरीज़ो का ज़मीनों पर इलाज हो रहा है परंतु इसका कोई पता नहीं परंतु इसका हवाला ज़रूर दिया जा रहा है कि वहाँ लोग अपने मरीज़ो को लेकर नहीं जाये। इस कारण डेंगू से मरने वालों का सिलसिला बढता ही जा रहा है ।एक बात समझ नहीं आती कि जब लखनऊ जैसे शहर में लोगों को इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है तो फिर छोटे शहरों कस्बों का क्या हाल होगा और गाँव के लोगों का तो पूछो मत । परंतु प्रशासन अपने आपसी मतभेदों में मस्त है ऐसा लगता है नगर पालिका प्रशासन को किसी से कोई मतलब नहीं रह गया है ।उल्लेखनीय है कि लहरपुर सहित पूरे जिले में डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है ,जिसमें हर रोज़ मौतें हो रही है परंतु अब उसका प्रकोप कस्बों और गाँवो में बढ़ना शुरू हो गया है जिससे लोगों में दहशत फैलती जा रही है । लहरपुर में तो डेंगू के प्रकोप से अभी तक लगभग दस से बारह लोगों की म्रत्यू हो चुकी है परंतु अब जब कुछ लोगों की लहरपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच के बाद डेंगू की पुष्टि हुई तो यहाँ भी लोगों में दहशत फैल गयी है।
अब बात करते हैं हम नगर पालिका प्रशासन लहरपुर की जो शायद इतना व्यस्त न रहता हो परंतु फिर भी नगर की साफ सफाई कीटनाशक छिड़काव भूल से भी नही करवा रही है । शायद वह भी शासन की तरह किसी बहुत खास कार्य में व्यस्त हो नगर में जगह जगह गदगीं का अंबार लगा हुआ है। जिसके कारण दिन हो चाहे रात हो मच्छर अपना कार्य करते ही रहते है जिसका किसी भी तरह निवारण करने का कार्य होना संभव ही नहीं लग रहा है । यदि ऐसा ही चलता रहा तो डेंगू का प्रकोप कम होने की बजाय बढ़ता ही जायेगा ।
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