March 28, 2024

TNC Live TV

No.1 News Channel Of UP

पीयूष तो बरी, अब तलाश उसकीजिससे खरीदा था सोना, इनके खिलाफ नहीं कर सकेगा दावा, पढ़ें पूरा अपडेट

सोना तस्करी मामले में इत्र कारोबारी पीयूष जैन को तो राहत मिल गई है, लेकिन विदेशी सोने की तपिश में अभी कई और लोग झुलस सकते हैं। डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) लखनऊ की जांच अभी जारी है। विदेश से पीयूष खुद सोना खरीदकर नहीं लाया। यह तो जांच में साफ हो गया है, लेकिन अब एजेंसी को उस व्यक्ति की तलाश है, जिससे पीयूष ने सोना खरीदा था। ऐसे में जांच का दायर बड़ा है। पीयूष के अलावा और कौन-कौन लोग तस्करी में शामिल हैं, इसका जवाब भी एजेंसी ढूंढ रही है।

पीयूष की कन्नौज के जैन स्ट्रीट स्थित मेसर्स ओडोचैम इंडस्ट्रीज व उनके घर पर हुई छापेमारी में अलग-अलग साइज की विदेशी मूल की 32 सोने की छड़ें बरामद हुईं थीं। एक-एक किलो की 22 छड़ें और सौ-सौ ग्राम की 10 छड़ें थीं। कुल 23 किलो सोना बरामद हुआ था। बरामद सोना 24 कैरेट का था, जिसकी कीमत 11 करोड़ 37 लाख 35 हजार रुपये थी। वर्तमान में इतने सोने की कीमत करीब 18 करोड़ रुपये है। पीयूष इनकी खरीद से संबंधित कागजात नहीं दिखा सका था।

पीयूष ने अपने बयान में कहा था कि यह सारा सोना उसने नकद रुपयों से कैलाश नाम के आदमी से खरीदा था। कैलाश उसे अलग-अलग नंबरों से फोन करता था। वह उसका सही पता नहीं जानता है। पीयूष ने स्पेशल सीजेएम कोर्ट में दाखिल अपनी जमानत अर्जी के दौरान भी यह तर्क रखा था कि उसके पास पासपोर्ट नहीं है। इसलिए वह खुद तस्करी में शामिल नहीं हो सकता। इन सभी तर्कों के आधार पर डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस लखनऊ ने पीयूष का सोना जब्त किया था।

स्पेशल सीजेएम कोर्ट में 15 मार्च को होनी है सुनवाई

साथ ही पीयूष पर व्यक्तिगत रूप से 30 लाख रुपये और मेसर्स ओडेचैम इंडस्ट्रीज के साझेदार की हैसियत से करीब 28 लाख रुपये जुर्माना लगाया था। पीयूष के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट भेज दी गई थी, जबकि बाकी के खिलाफ जांच जारी है। विशेष लोक अभियोजक अम्ब्रीष टंडन ने बताया कि जीएसटी चोरी मामले में स्पेशल सीजेएम कोर्ट में 15 मार्च को सुनवाई होनी है। इस मामले में भी पीयूष पर 497.86 करोड़ रुपये के अलावा ब्याज और जुर्माना लगाया गया है।

दुबई की भी थीं बरामद सोने की छड़ें

जांच में सामने आया था कि बरामद आठ छड़ें अल एतिहाद गोल्ड दुबई यूएई की, दो छड़ें इंटरनेशनल प्रीशियस मेटल रिफाइनर की और एक-एक छड़ वलकंबी सुसी और एमिरेट्स गोल्ड की थीं। दस छड़ें ऐसी थीं, जिनमें कोई मार्किंग नहीं थी, उनमें से मार्किंग हटा दी गई थी। इसके अलावा दस छोटी छड़ें थीं।

सोना वापसी, जुर्माने के खिलाफ दावा नहीं कर सकेगा पीयूष

पीयूष को सोना तस्करी मामले में बरी होेने में बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। मुख्य आयुक्त ने आदेश दिया था कि पीयूष जब्त किए गए सोने, अन्य सामग्रियों और लगाए गए जुर्माने के खिलाफ कोई दावा नहीं करेगा। लखनऊ में सोना वापसी के संबंध में दाखिल की गई जिस अपील को वापस लिया है, उस पर दोबारा कार्यवाही नहीं करेगा। शमन के आदेश का कोई प्रभाव किसी अन्य जांच एजेंसी या किसी अन्य कानून के तहत दर्ज मुकदमे पर नहीं पड़ेगा।

कोर्ट ने माना कि पीयूष ने सभी शर्तों को पूरा कर दिया है
यह आदेश सिर्फ कस्टम एक्ट के मुकदमे पर लागू होगा। मुकदमे में बरी करने का आदेश न्यायालय करेगा। जैसी शर्तें रखी गईं थीं। कोर्ट ने शमनीय प्राधिकरण के आदेश की शर्तों को पूरा करने के आधार पर पीयूष को बरी किया है। हालांकि विशेष लोक अभियोजक अम्ब्रीष टंडन की ओर से आपत्ति जताते हुए तर्क रखा गया था कि एक ओर से पीयूष ने मुख्य आयुक्त के यहां अपराध स्वीकार किया है, वहीं दूसरी ओर कोर्ट में दिए शपथपत्र में झूठा फंसाए जाने की बात कहकर गुमराह कर रहा है। कोर्ट ने माना कि पीयूष ने सभी शर्तों को पूरा कर दिया है। अभियोजन ने भी ऐसा कोई तथ्य पेश नहीं किया, जिससे यह साबित हो कि पीयूष ने शर्तों का उल्लंघन किया है।

97 करोड़ की नगदी, 23 किलो सोना बरामद हुआ था
डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) अहमदाबाद की ओर से 27 दिसंबर 2021 को इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर के आनंदपुरी स्थित घर और कन्नौज स्थित फर्म में छापेमारी के दौरान 197 करोड़ की नगदी बरामद करने के साथ ही 23 किलो सोना बरामद किया था। पीयूष को जेल भेजा गया था। लगभग दस माह बाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहाई हो सकी थी।

जीएसटी चोरी और सोना तस्करी के अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए थे
पीयूष के खिलाफ जीएसटी चोरी और सोना तस्करी मामले में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए थे। सोना तस्करी मामले में कस्टम एक्ट के तहत स्पेशल सीजेएम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। पीयूष ने जब्त सोने पर अपनी दावेदारी छोड़ने के साथ ही कस्टम विभाग द्वारा लगाया गया शमन शुल्क भी जमा कर दिया था। इसके बाद उसे कस्टम एक्ट के मुकदमे में राहत मिल गई। हालांकि जीएसटी चोरी मामले में मुकदमा अभी चलता रहेगा।

About The Author

error: Content is protected !!