
कुलपति प्रो0 रमाकान्त ने नव निर्मित एलपीए लैब का किया निरीक्षण
इटावा
सैफई 08 दिसम्बर उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई के माइक्रोबायलॉजी विभाग में निर्मित एलपीए (लाइन प्रोब एसे) लैब का निरीक्षण विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रमाकान्त यादव ने किया । निरीक्षण के दौरान एलपीए (लाइन प्रोब एसे) लैब के प्रभारी डा0 अमित सिंह तथा माइक्रोबायलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 राजेश कुमार वर्मा तथा फैकेल्टी धर्मेन्द्र प्रसाद सिंह उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डा0) रमाकान्त यादव ने बताया कि विश्वविद्यालय के नेशनल ट्यूबरक्लोशिस एलिमिनेशन प्रोग्राम (एनटीईपी), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार से माइक्रोबायलॉजी विभाग में निर्मित आधुनिक एलपीए (लाइन प्रोब एसे) लैब को मान्यता मिल जाने से बिगडी हुई टीबी के गंभीर मरीजों के सैम्पल की जॉच अब विश्वविद्यालय में ही सम्भव हो सकेगी। पहले इस जॉच को आगरा भेजना पड़ता था जिसमें रिपोर्ट आने में 10 से 15 दिन का समय लग जाता था। अब विश्वविद्यालय में ही जॉच हो सकेगी तथा 72 घंटे के अन्दर ही बिगडी हुई टीबी की पहचान हो जायेगी। जल्दी जॉच रिपोर्ट के मिलने पर तत्काल इलाज भी शुरू हो जायेगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय में टीबी से सम्बन्धित शोध में भी तेजी आयेगी।
प्रभारी अधिकारी एलपीए (लाइन प्रोब एसे) लैब डा0 अमित सिंह ने बताया कि एलपीए (लाइन प्रोब एसे) लैब विश्वविद्यालय के माइक्रोबायलॉजी विभाग में बनकर तैयार है। इस लैब के चालू हो जाने के बाद आस-पास के तकरीबन 4 से 5 जनपदों के ड्रग रेजिस्टेंट टीवी रोगियों की समय पर जॉच और उपचार सुनिश्चित हो सकेगा। साथ ही स्टेट टीबी आफिसर, (एसटीओ), लखनऊ? डा0 संतोष गुप्ता से सम्बन्धित लैब के लिए जल्द ही लैब तकनीशियन एवं अन्य जरूरी स्टाफ मिलने का आश्वासन भी प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि एलपीए (लाइन प्रोब एसे) लैब की सुविधा प्रदेश के कुछ गिने-चुने चिकित्सा संस्थानों में ही उपलब्ध है। देश से 2025 तक टीबी को पूरी तरह खत्म करने की मुहिम में एलपीए (लाइन प्रोब एसे) लैब बेहद महत्वपूर्ण होगा।
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