
लखनऊ
लखनऊ में कोरोना संक्रमितों और ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों ने बढ़ाई चिंता,फोटो मिलने पर बनेगा मिनी कंटेनमेंट जोन, प्रशासन ने की गाइडलाइन जारी, नियम तोड़ने पर होगी कानूनी कार्रवाई । शुक्रवार को डीएम ने स्मार्ट सिटी सभागार में आपात बैठक बुलाई। इसमें कोविड पॉजिटिव मिलने पर मिनी कंटेनमेंट जोन बनाने का निर्देश दिया गया है। डीएम अभिषेक प्रकाश ने कहा कि पहले की तरह ही इन इलाकों में सघन रूप से सैनेटाइजेशन किया जाएगा।मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करना होगा। डीएम ने निर्देश दिए कि नियम न मानने वालों पर जरूरत पड़ने पर महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई कर सकते हैं। लोगों तक संदेश प्रसारित करें कि खुद और अपने परिवार को सुरक्षित रखें। उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि कोविड प्रबंधन में यदि लापरवाही सामने आती है तो जिम्मेदारी तय की जाएगी। 50 मीटर के दायरे तक रहेगा मिनी कंटेनमेंट जोन- मिनी कंटेनमेंट जोन को बांस-बल्लियों के बजाए रिबन से घेर दिया जाएगा। – संबंधित संक्रमित के घर के अगल-बगल वाले मकान दायरे में होंगे। – सभी की जांच व कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जाएगी। रिपोर्ट आने तक निगरानी में रहेंगे। – पॉजिटिव व्यक्ति पृथकवास में रहेगा। निगेटिव रिपोर्ट आने तक परिवार के अन्य सदस्य बाहर नहीं निकल सकते। – यदि पॉजिटिव व्यक्ति नजर बचाकर बाहर निकला तो मुकदमा दर्ज हो सकता है।- इसमें जुर्माना लगाने के साथ जेल तक जाना पड़ सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लखनऊ आगमन से पहले पुलिस कमिश्नर समेत दूसरे अफसरों की कोरोना जांच कराई गई। इसमें पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इससे पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। बड़ी संख्या में पुलिस के अफसर कमिश्नर के संपर्क में आए हैं। अब सभी की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग होगी। पुलिस कमिश्नर ठाकुर ने बताया कि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है लेकिन उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं है। अब उनकी आरटीपीसीआर जांच करायी गयी है जिसकी रिपोर्ट शनिवार को आयेगी। फिलहाल उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया है। राज्य सरकार ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर और नए वेरिएंट को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। जिला और ब्लॉक स्तर पर अब तक की गई तैयारी और सक्रियता की जांच के लिए 17 और 18 दिसंबर को सभी जिलों के कोविड प्रबंधन इकाइयों में मॉक ड्रिल आयोजित की गई है। इस दौरान बच्चों में कोविड संक्रमण के प्रबंधन को भी परखा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तैयारियों की समीक्षा के लिए मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए थे। कोविड की दूसरी लहर के दौरान और उसके बाद राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए काफी काम हुआ। ऑक्सीजन प्लांट, वेंटीलेटर, बैड, आईसीयू और पीकू नीकू वार्ड बनाए गए हैं। यह ढांचा जिला स्तरीय अस्पतालों से लेकर सीएचसी और पीएचसी तक तैयार हो रहा है। लेकिन अब ओमीक्रान ने चिंता बढ़ा दी है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने शुक्रवार को सभी मंडलायुक्त, डीएम, अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य, सीएमओ और चिकित्सा अधीक्षकों को मॉकड्रिल को लेकर आदेश जारी किया है। इसमें कोविड प्रबंधन इकाइयों के रोस्टर में सूचीबद्ध चिकित्सक व पैरा मेडिकल कर्मी तथा राज्य व जिला स्तर पर प्रशिक्षण पाने वाले चिकित्साकर्मियों को अनिवार्य रूप से शामिल होना है।
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