
भाजपा की जन विश्वास यात्रा पूर्वांचल के लिए कितना अहम

• पूर्वांचल में उद्योग और चिकित्सा पर खास नजर है भाजपा की । पूर्वांचल बना मेडिकल हब।
देवरिया।
2014-2019 लोकसभा और 2017 का विधानसभा चुनाव पूरी तरह से पीएम मोदी के नाम और केंद्र सरकार के काम पर लड़ा गया था, लेकिन 2022 का विधानसभा चुनाव योगी के नाम और काम पर लड़ा जाना है। 14 साल के वनवास के बाद बीजेपी 2017 के विधानसभा चुनाव में 311 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की थी । ऐसे में सीएम योगी के लिए 2022 के चुनाव में पिछले चुनाव के रिकॉर्ड को बरकरार रखने की चुनौती होगी, क्योंकि अभी तक उनके नाम पर कोई भी चुनाव यूपी में नहीं लड़ा गया है। पूर्वांचल की जंग फतह करने के बाद ही यूपी की सत्ता पर कोई पार्टी काबिज हो सकती है, क्योंकि सूबे की 33 फीसदी सीटें इसी इलाके की हैं। यूपी के 28 जिले पूर्वांचल में आते हैं, जिनमें कुल 164 विधानसभा सीटें हैं। 2017 के चुनाव में पूर्वांचल की 164 में से बीजेपी ने 115 सीट पर कब्जा जमाया था जबकि सपा ने 17, बसपा ने 14, कांग्रेस को 2 और अन्य को 16 सीटें मिली थी।
हालांकि, पिछले तीन दशक में पूर्वांचल का मतदाता कभी किसी एक पार्टी के साथ नहीं रहा। वह एक चुनाव के बाद दूसरे चुनाव में एक का साथ छोड़कर दूसरे का साथ पकड़ता रहा है। यही वजह है कि बीजेपी 2022 के चुनाव में अपने गढ़ को मजबूत करने में जुट गई है, इसीलिए पीएम मोदी से लेकर बीजेपी के केंद्रीय लीडरशिप पूर्वांचल का दौरा लगातार करने में जुटी है। पूर्वांचल में बीजेपी ने अपने समीकरण को मजबूत बनाए रखने के लिए जाति आधरित पार्टियों के साथ भी गठबंधन कर रखा है। अनुप्रिया पटेल की अपना दल (एस) और संजय निषाद की निषाद पार्टी के साथ बीजेपी मिलकर इस बार चुनावी मैदान में किस्मत आजमाएगी। इन दोनों ही दलों का सियासी आधार पूर्वांचल के जिलों में है। अनुप्रिया पटेल की कुर्मी वोटों पर पकड़ है तो संजय निषाद का मल्लाह समुदाय पर असर है। हालांकि, संजय निषाद पूर्वांचल में राजभर की कमी को कितना पूरा करते हैं यह बड़ी चुनौती है। 2017 में पूर्वांचल में बीजेपी की जीत में राजभर वोटों की अहम भूमिका रही है। इसी के चलते बीजेपी इस पर पूर्वांचल पर खास फोकस कर रही है । पूर्वांचल की जनता या स्वीकार कर रही है कि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्वांचल को इतनी सौगातें दी हैं कि कहीं से कोई क्षेत्र अछूता नहीं है। पूर्वांचल में कानून व्यवस्था, कोरोना काल से लेकर अब तक खाद्यान्न तक की व्यवस्था, वैश्विक महामारी में योगी जी के द्वारा किए गए कार्यों की सराहना हर जगह हो रही है । खासकर पूर्वांचल में औद्योगिक विकास और चिकित्सा के क्षेत्र में सरकार ने इतिहास रचा है ।
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