
न्याय की आस में गई पीड़िता एसपी की चौखट पर हुई अचेत, प्रशासन पर गंभीर सवाल
फर्रुखाबाद
पुत्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाने के मामले में न्याय की गुहार लगाने परिजनों के साथ पुलिस अधीक्षक के यहां पहुंची पीडि़ता अचेत हो गई। जिससे अन्य परिजनों में चीखपुकार मच गई। जानकारी होने पर पुलिस अधीक्षक ने बुलाकर घटना के संदर्भ में जानकारी करने के बाद कार्यवाही कराने का आश्वासन दिया।
जानकारी के अनुसार थाना मऊदरवाजा के ग्राम अहमदगंज खंदिया निवासी शशी पत्नी किशन पाल की जब मऊदरवाजा पुलिस ने फरियाद नहीं सुनी तो वह अपने परिजनों के साथ सोमवार को पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा से न्याय की गुहार लगाने के लिए उनके कार्यालय पहुंची। जहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने यह कहकर मना कर दिया कि साहब अभी किसी से नहीं मिलेंगे। काफी देर तक इंतजार करने के बाद जब उसकी नहीं सुनी गई तो वह पुत्र की हत्या के गम में दहाड़े मारकर रोने लगी। इसी दौरान वह अचेत हो गई। परिजनों ने भी रोना शुरु कर दिया। कार्यालय में मौजूद जब पुलिस अधीक्षक के कानों में रोने-चीखने की आवाज पहुंची, तो उन्होंने परिजनों के मुख्य दो व्यक्तियों को अंदर बुलाया। इस दौरान पीडि़ता की ओर से दिये गये प्रार्थना पत्र में दर्शाया कि ३ जनवरी को शाम के समय उसका पुत्र पंकज घर पर था। उसी समय मोबाइल पर फोन आया, तभी पुत्र यह कहकर घर से चला गया कि मैं प्रदीप के साथ जा रहा हूं।
जब वह घर नहीं लौटा तो पूछताछ करने पर दिलीप पुत्र अमर सिंह ने बताया कि शाम के समय ८ बजे के साथ प्रदीप पुत्र अवधेश के साथ गांव के बाहर जाते देखा। जब प्रदीप के घर जाकर जानकारी की तो उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी। फोन करने पर कोई जबाव नहीं आया। 4 जनवरी को मेरे पुत्र का शव रेलवे लाइन के किनारे अमरुद के पेड़ पर लटका हुआ देखा गया। उसका एक पैर अमरुद की डाल पर मुड़ा था और दूसरा पैर जमीन पर रखा था। मुझे पूरा शक है कि मेरे पुत्र की हत्या प्रदीप, शेखर पुत्रगण अवधेश ने कर उसका शव अमरुद के पेड़ पर लटका दिया। पुलिस अधीक्षक ने पीडि़ता को कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही करायी जायेगी।
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