
अब जंगल पर भी वन माफियाओं की नजर,वन विभाग बन रहा जानबूझकर बेखबर
बभनजोत गोंडा
- क्षेत्र के गांवों में बेधड़क हरियाली पर आरा चल रहा है। दरअसल, जिन्हें वन की रखवाली का जिम्मा सौंपा गया है, वही हरियाली के दुश्मन बन गए हैं। पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत से पूरा खेल खेला जा रहा है।
- सादुल्ला नगर रेंज में हरे भरे पेड़ों की अवैध रूप से कटाई जारी रहने से पर्यावरण का संकट बढ़ता जा रहा है। वन माफियाओं द्वारा कीमती लकड़ी की कटाई कर वृक्ष विहीन बनाने का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है। पेड़ों की अवैध कटाई से आने वाले दिनों में प्रदूषण बढ़ने की आशंका बढ़ती जा रही है। पेड़ों की अवैध कटाई कर कई लोग मालामाल हो रहे हैं, वहीं प्रकृति से हरियाली घटती जा रही है।
ऐसा नहीं है कि वन विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी न हो, लेकिन सुविधा शुल्क और अधिकारियों से सांठगाठ की वजह से कोई भी इन वन माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही की हिम्मत नहीं जुटा पाता है।
जब कोई व्यक्ति विभाग में शिकायत करता है तो संबंधित माफियाओं से साठ-गांठ होने के नाते विभागीय अधिकारी ठेकेदार को शिकायतकर्ता का नाम बताकर दबाव बनाने का काम करते हैं और स्वयं मोटी रकम वसूल कर हरियाली पर आरा और खुद को मालामाल कर रहे हैं पिछले कुछ दिनों में थाना खोड़ारे क्षेत्र के सबसे अधिक हरे सागौन के पेड़ों की अवैध कटान, , बस्ती खास,खरिका बगिया,रौतापुर, सहित अन्य स्थानों पर हजारों की संख्या में हरे भरे कीमती सागौन के पेड़ वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदारों ने मार्केट में अवैध तरीके से बेच कर ठेकेदार व अधिकारी मालामाल हो गये और शिकायत करने वालों को कार्रवाई के बजाय माफियाओं से दुश्मनी मोल लेनी पड़ी
आपको बता दें कि विभागीय शह पर अवैध आरा मशीनों पर अवैध लकड़ियों की चिरान भी बड़े पैमाने पर हो रही है जिसमें प्रमुख रूप से गौरा चौकी,हबीबनगर, बस्ती खास, व अन्य इलाकों में भी धड़ल्ले से अवैध लकड़ियों की चिरान जारी है ऐसे में विभागीय अधिकारी सवालों के कटघरे में आ रहे हैं कि जब कोई शिकायत करता है तो विभागीय अधिकारी ठेकेदारों पर कार्रवाई करने के बजाय उसे बचाने की कोशिश क्यों करते हैं आखिर सरकार की आंख में धूल झोंककर पर्यावरण को नुकसान क्यों पहुंचा रहे हैं जबकि सरकार वृक्षारोपण के नाम पर करोड़ों तथा पर्यावरण दिवस,वन महोत्सव के नाम पर करोड़ों रुपए क्यों खर्च कर रही है यदि इन सब चीजों का जिम्मेदार विभागीय अधिकारी हैं तो इन पर कार्रवाई कौन करेगा
वहीं इन सब सवालों के जवाब जानने के लिए जब वन रेंज आफिसर सादुल्लाह नगर सुशील चतुर्वेदी से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारा तीस जून को स्थानांतरण हो गया है मामला संज्ञान में आया है संबंधित वन रक्षकों से बात की जाएगी वहीं अवैध आरा मशीनों के संचालन की बात को लेकर हिचकिचाते नजर आए और लाइसेंस होने का हवाला दिया लेकिन जब अवैध लकड़ियों के चिरान की बात पूछी गई तो स्पष्ट जवाब नहीं दे सके।
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