April 25, 2024

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3600 महिलाओं को खरीदनी पड़ी दवाएं, 54 लाख खर्च नहीं कर सका BHU

बीएचयू अस्पताल में जननी सुरक्षा योजना और जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जेएसवाई/ जेएसएसके) के दवा मद में महिलाओं को निशुल्क दवाएं नहीं मिलीं। जबकि दवाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीएचयू को 54 लाख रुपये मिले थे। इसे अस्पताल प्रशासन खर्च ही नहीं कर पाया। इससे साल भर में करीब 3600 महिलाओं को दवाओं के लिए अपने रुपये खर्च करने पड़े।

बीएचयू अस्पताल के एमसीएच विंग में डिलीवरी कराने वाली गर्भवती महिलाओं को निशुल्क दवाइयां दो साल से नहीं मिल रहीं हैं। महिलाओं की इस समस्या पर अमर उजाला में 18 मार्च को खबर प्रकाशित होने के बाद जब शासन ने इसकी जांच कराकर रिपोर्ट मांगी तो सामने आया कि दवाओं के मद में बीएचयू को मिली राशि खर्च ही नहीं हुई है। ये पहला साल नहीं है। पिछले साल भी अस्पताल प्रशासन 54 लाख रुपये खर्च नहीं कर पाया था और उसे स्वास्थ्य विभाग को ये राशि वापस करनी पड़ी थी।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिए जाते हैं 54 लाख रुपये

बीएचयू अस्पताल के एमसीएच विंग में डिलीवरी कराने आने वाली महिलाओं को प्रोत्साहन राशि के साथ ही निशुल्क दवाइयां दिए जाने का प्रावधान है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से मदवार राशि दी जाती है। बीएचयू को उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड के स्थानीय ड्रग वेयर हाउस से दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। जो दवाएं कॉरपोरेशन के पास नहीं होतीं, उसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर साल 54 लाख रुपये दिए जाते हैं।

 

रिपोर्ट में 54 लाख खर्च न करने का जिक्र

अमर उजाला में 18 मार्च को प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेकर शासन स्तर से जांच शुरू हुई। जिलाधिकारी ने सीएमओ से रिपोर्ट मांगी। सीएमओ ने 27 मार्च को जिलाधिकारी को रिपोर्ट दी। इसमें बताया गया है कि बीएचयू अस्पताल को दवाओं के लिए 54 लाख रुपये दिए गए, लेकिन उसका उपयोग अभी तक नहीं हो पाया है। सीएमओ ने बृहस्पतिवार को बीएचयू पहुंचकर आईएमएस निदेशक से वार्ता की। वार्ता के दौरान दवाएं मंगाने का निर्णय हुआ है।

बोले अधिकारी

बीएचयू अस्पताल प्रशासन को दवा के मद में 54 लाख रुपये दिए गए। इसका उपयोग अब तक नहीं किया गया है। इस मामले में आईएमएस निदेशक, एमएस के साथ बैठक कर समस्या का समाधान कराने को कहा गया है। रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी गई है। – डॉ. संदीप चौधरी, सीएमओ

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