
गोण्डा।
अगर आपके पास पुराना और टूटा मोबाइल फोन है और आप उसे निष्प्रयोज्य समझ रहे हैं तो यह आपकी सबसे बड़ी भूल है। इस समय साइबर आरोपितों का एक गैंग इन मोबाइलों फोन को इकट्ठा करने में लगा हुआ है। साइबर आरोपित पुराने मोबाइल फोन को ठीक कर उसका इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी जैसे आपराधिक कार्यों में कर रहे हैं। वहीं पुलिस की जांच में आरोपित वह बन रहा है जिसके नाम से मोबाइल पहले पंजीकृत होती है। ऐसे में इन मामलों पर रोक लगाए जाने को लेकर गोण्डा साइबर सेल पुलिस ने लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया है।
साइबर अपराधियों के साथियों का एक गैंग इन दिनों गांवों में फेरी लगाकर फलों, रुपयों और अन्य सामानों के लालच में पुराने और निष्प्रयोज्य मोबाइल फोन खरीद रहा है। ग्रामीण महिलाएं और साइबर अपराध से अंजान लोग घर में बेकार पड़े मोबाइल फोन को जरा सी लालच के चक्कर में आकर दे देते हैं। गैंग के ये सदस्य ग्रामीण इलाकों से मोबाइल इकट्ठा कर एकमुश्त रूप से साइबर अपराधियों को बेचते हैं जहां आरोपित पुराने और खराब मोबाइल फोन को सही करके उसे एक्टिव कर देते हैं। मोबाइल एक्टिवेट होने के बाद उसे अगले साथियों के पास भेज दिया जाता है जहां उस मोबाइल को ऑनलाइन ठगी में इस्तेमाल किया जाता है।
इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक चितवन कुमार का कहना है कि किसी भी फेरी वाले को जरा सी लालच में मोबाइल फोन बेचना महंगा पड़ सकता है। फोन टूटने के बाद भी कई बार महत्वपूर्ण डाटा मोबाइल फोन में स्टोर रह जाते हैं जिसका गलत उपयोग हो सकता है।
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3 thoughts on “पुराना मोबाइल फोन बन सकता है साइबर क्राइम का हथियार गांव-गांव घूमकर खराब मोबाइल खरीद रहे फेरीवाले”
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