
उतरौला -बलरामपुर
सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद गोशालाओं की स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है। क्षेत्र के बढ़या भैसाही व नगवा गोशाले में चारा-पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है। बीमार पशुओं के इलाज की भी कोई व्यवस्था नहीं है। दोनों गोशालाओं में अव्यवस्था के चलते 15 दिनों के अंदर आठ गोवंशों की मौत हुई है। इसके बावजूद अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
विकास खंड गैंडास बुजुर्ग के ग्राम बढ़या भैसाही स्थित गो आश्रय स्थल पर सोमवार को एक गोवंश मृत मिला। यहां मौजूद 75 मवेशियों के लिए भूसा व हरे चारे की कोई व्यवस्था नहीं दिखी। ग्रामीण अफरोज, समशाद व छोटे ने बताया कि गोशाला में जानवरों के बीमार होने पर छोड़ दिया जाता है। इलाज के अभाव में उनकी मौत हो जाती है। केयर टेकर राम चंदर ने बताया कि भूसा लाने के लिए वे आसपास के कई गांवों में जा चुके हैं। पिछले एक पखवारे में यहां चार मवेशियों की मौत हुई है।
ग्रामसभा नगवा में बनी गोशाला में 85 गोवंश हैं। यहां इनके लिए कुछ भूसा व चोकर रखा मिला। बीमार मवेशियों का इलाज करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं मिली। केयर टेकर हरि प्रसाद ने बताया कि यहां अब तक चार गोवंशों की मौत हो चुकी है।
ग्रामीण बाड़ू, शोभावती व प्रमोद ने बताया कि गोशाला के मवेशियों को अक्सर खोल दिया जाता है। जो खेत में घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। मौत के बाद जानवरों को खुले में फेंक दिया जाता है। इससे उठने वाली दुर्गंध से जहां लोगों को परेशानी होती है, वहीं इससे बीमारी फैलने का खतरा भी बना रहता है। ग्राम विकास अधिकारी बसंत राम ने बताया कि भूसा खत्म होने पर मंगाया जाता है। मृत गोवंश को खुले में नही फेका जाता है।
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