
कानपुर के चकेरी में डायल 112 के सिपाही ने अपने साथी सिपाही और उसके दोस्त पर सस्ते में वाहन दिलाने के नाम पर साढ़े नौ लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर दोनों आरोपियों पर चकेरी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है।
डायल 112 के सिपाही सुरेश चंद्र के अनुसार वर्ष 2020 में उन्होंने वाहन खरीदने के लिए बैंक से साढ़े ग्यारह लाख रुपये का लोन कराया था। उस समय सिपाही गोविंद सिंह उनके साथ महाराजपुर की पीआरवी 0417 में एमडीटी चालक के रूप में कार्यरत था।
गोविंद ने सुरेश से अपने पहचान के फायनें
सर से डिस्काउंट में वाहन दिलवाने के बात कही। इसके बाद उन्हें फायनेंसर अजीत कुमार चौहान से मिलवाया। इसके बाद उसने सुरेश से साढ़े नौ लाख रुपये ले लिए, लेकिन 16 माह बाद जब उन्हें वाहन नहीं मिला।
टीपी लाइन में खड़ी थी कार और बाइक
पीड़ित सिपाही ने एसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल से शिकायत की। उन्होंने मामले की जांच एसआई पुनीत तोमर को सौंपी। जब जांचकर्ता पुनीत तोमर गोविंद के टीपी लाइन स्थित क्वार्टर पहुंचे, तो वहां नई कार और बाइक खड़ी मिली। दोनों वाहनों को एसीपी क्राइम के कार्यालय में खड़ा करवा दिया।
गृह जनपद से बरामद हुई नई कार
उन्होंने बताया कि उससे तहरीर देने को कहा, जब तहरीर दी तो जांचकर्ता ने आरोपी सिपाही गोविंद का नाम हटाने के लिए कहा। साथ ही गोविंद के गृह जनपद से एक और नई कार भी बरामद की। तीनों वाहनों को टीम ने नौबस्ता थाने में लावारिस में दाखिल करा दिया।
दोनों सिपाहियों पर मुकदमा दर्ज
उन्हें अभी तक साढ़े नौ लाख रुपये वापस नहीं मिले। इस पर उन्होंने पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड से शिकायत की। थाना प्रभारी अंजन कुमार ने बताया कि तहरीर के आधार पर आरोपी सिपाही गोविंद सिंह और उसके साथी अजीत कुमार चौहान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
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