
छह दिनों में दो अरब रुपये का बिल पास, करोड़ों रुपये वापस, रुपये खपाने के लिए देर रात तक चलती रही विभागों में माथापच्ची
महराजगंज। वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर शुक्रवार को सभी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने बजट खपाने के लिए पसीना बहाया। देर शाम तक काम होता रहा। शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास, सड़क, परिवहन, बिजली समेत अन्य प्रमुख विभागों के कर्मी कोषागार में बिल पास कराने में सभी कर्मी जुटे रहे। अरबों का वारा-न्यारा होने के बाद भी कार्य अधूरे हैं। वित्तीय वर्ष के अंदर रकम खर्च नहीं होने पर अंत तक पूरा खाका तैयार कर बजट पास कराया गया।
बीते बृहस्पतिवार को सभी विभागों ने करीब 18.52 करोड़ रुपये का वारा-न्यारा किया। अधिकारी व कर्मचारी दफ्तरों में लाखों-करोड़ों के बजट को खर्च करने में माथापच्ची करते रहे। छह दिनों के अंदर कोषागार से करीब दो अरब बिल का भुगतान हुआ है। सभी विभागों के कार्यालय में गहमागहमी का माहौल दिखा।
कार्यालय के बाबू जरूरी बिल-बाउचर दुरुस्त करने में जुटे रहे। कोषागार में भी सभी कर्मी कार्य करने में दिन भर व्यस्त रहे। मुख्य कोषाधिकारी शालिग्राम ने बताया कि बीते छह दिनों में करीब दो अरब का भुगतान हुआ है। शुक्रवार को देर रात कर्मी कार्य करने में जुटे रहे।
किन विभागों ने कितना किया वापस
बेसिक शिक्षा विभाग में करीब चार करोड़ रुपये
लोक निर्माण विभाग में 67 करोड़ रुपये
सिंचाई विभाग में 11 करोड़ रुपये
नहीं हुई माइनर की सफाई, बरसात में बढ़ेगी परेशानी
खुशहाल नगर क्षेत्र में माइनरों व नालों की सफाई नहीं होने से बरसात में करीब 100 एकड़ फसल डूबने की आशंका है। करीब 50 किलोमीटर लंबाई वाले कप्तानगंज रजवाहा नारायणी शाखा से निकली हुई है। यह लगभग 24 किलोमीटर तक है। 36 से अधिक गांव की सिंचाई व्यवस्था इसी पर है। कप्तानगंज रजबहा से निकली चौमुखा, हरखी, हरखा क्षेत्रों में है। माइनरों के बीच में सफाई न होने के कारण घास उगी है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि नहरों में समय से पानी न आने से सिंचाई प्रभावित होती है। कारण यह कि तीन वर्षों से इन माइनरों में पानी आया नहीं है। किसान रमाकर कृष्ण त्रिपाठी, राम ध्यान मल्ल, राम नरेश सिंह, सुभाष सिंह, विनोद पांडेय आदि ने बताया कि माइनरों में पानी आना तो दूर सफाई तीन तीन वर्षों में होती है। बरसात में पानी ओवरफ्लो होकर खेतों में भर जाता है। अवर अभियंता हिमांशु यादव ने बताया कि अक्तूबर व नवंबर में सफाई हुई थी।
बगैर प्रयोग में आए भवन हो गया जर्जर
मरम्मत नहीं हुई मिठौरा क्षेत्र के पिपरा कल्याण गांव में जूनियर हाईस्कूल पूर्व माध्यमिक विद्यालय के बगल में वर्ष 2008 में लगभग पांच लाख रुपये से बना भवन जर्जर हो गया है। पांच कमरों के स्कूल में आज पढ़ाई नहीं हुई। बिना उपयोग किए फर्श भी टूट गए हैं। प्राथमिक विद्यालय पिपरा कल्याण की प्रधानाध्यापिका हेमलता ने बताया कि दस वर्ष से भवन इसी हालत में है। गांव के उमेश, योगेन्द्र, दामोदर, पारस नारद, मदनलाल ने कहा कि भवन बनाकर छोड़ दिया गया, लेकिन उपयोग नहीं हुआ। सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है। खंड शिक्षा अधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि भवन जर्जर होने की रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। जांच की जा रही है कि इसे किसने बनवाया और क्यों नहीं उपयोग किया जा सका। संवाद
पांच किमी लंबी सड़क से आना-जाना हुआ दुश्वार
नौतनवां क्षेत्र के गांव खैराटी से होकर नौतनवां कस्बा के गांधी चौक तक जाने वाली नहर मार्ग पैचिंग कराने के बाद भी गड्ढे खत्म नहीं हुए। गिट्टियां उखड़कर सड़क पर बिखर गई हैं। बजट होने के बाद सड़क की मरम्मत नहीं हो सकी। खैराटी गांव से नौतनवां कस्बा के गांधी चौक तक जाने वाली नहर मार्ग की दूरी लगभग पांच किलोमीटर है। तीन माह पहले आधा अधूरी पैचिंग हुई। पूरी तरह से सड़क में बने गड्ढे भरे नहीं गए। नौतनवां में तहसील मुख्यालय, थाना, काॅलेज, रेलवे स्टेशन, बाजार होने से प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोगों का आना-जाना रहता है। कजरी, चकदह, रामनगर, अड्डा बजार, सूर्यपुरा, बैरवा बनकटवा, बैरवा चंदनपुर, खोरिया बाजार, सोनपिपरी, दुर्गापुर, करमहवा, गनेशपुर, नरकटहा, आराजी महुअवा, सिंहोरवा, खैराटी आदि गांव के लोगों का आना-जाना रहता है। रामानुज मौर्य का कहना है कि चार साल से सड़क खराब है। लगभग तीन माह हुए कुछ जगहों पर पैचिंग कराई गई, लेकिन पूरे गड्ढे भरे नहीं गए हैं। अवर अभियंता आरपी जिज्ञासु ने बताया कि सड़क की पैचिंग हुई थी। मार्ग का चौड़ीकरण कराने के लिए एस्टीमेट भेजा गया है।
आरोग्य केंद्रों का अधूरा निर्माण कब होगा पूरा
जिले में आरोग्य केंद्रों के निर्माण की गति सुस्त है। वर्ष 2021-22 का 25 केंद्र अभी नहीं बन सका है। निर्माण को लेकर कार्यदायी संस्था की ओर से कुछ खास तेजी नहीं की जा रही है। वर्ष 2022-23 में 20 केंद्र बनने के लिए धन आया था, लेकिन यह अभी तक पूरा नहीं सका है। आरोग्य केंद्रों के जरिए लोगों को निरोग बनाने का सपना धराशायी हो चुका है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नीना वर्मा ने कहा कि कार्यदायी संस्था को रकम जारी कर दी गई है। निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
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2 thoughts on “बजट खपाने में बहाया पसीना ज्यादातर काम आधा-अधूरा”
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