
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा के मुकाबले कोई मैदान में नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की हालत यह है कि बुआ (मायावती) और भतीजे (अखिलेश यादव) चुनाव में घर से निकले ही नहीं हैं। वहीं, भाई बहन की जोड़ी (राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा) चुनाव से गायब हैं। निकाय चुनाव के पहले चरण के मतदान से पूर्व अमर उजाला से बातचीत में भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि सभी दस नगर निगम में जीतकर भाजपा 2017 का रिकॉर्ड दोहराएगी।
सवाल – निकाय चुनाव के पहले चरण के लिए बृहस्पतिवार को मतदान है। आपको क्या उम्मीद है
जवाब – सरकार और संगठन के नेता लगातार चुनाव अभियान में सक्रिय रहे हैं। भाजपा 104 नगर पालिका परिषद और 10 नगर निगम में चुनाव लड़ रही है। हमें पूरा भरोसा है कि सभी दस नगर निगम और अधिकतर नगर पालिका परिषद में भाजपा चुनाव जीतेगी।
सवाल – भाजपा का मुख्य चुनावी मुद्दा क्या है
जवाब – हम प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच गए हैं। हमने नगरीय विकास, सुरक्षा, शहरों को सजाने और संवारने के साथ जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का मुद्दा रखा है। शहरों की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करना, सीवरेज लाइन बिछाने के साथ शहरों को स्मार्ट बनाना भी मुद्दा है।
सवाल – भाजपा के बागी बड़ी संख्या में चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसा क्यों हुआ
जवाब – भाजपा सभी नगर निगम, सभी नगर पालिका परिषद, नगर पंचायतों के साथ 12500 वार्ड में चुनाव लड़ रही है। जिले के फीडबैक के आधार पर पारदर्शी व्यवस्था से निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही प्रत्याशी चयन किया गया है। पार्टी के पास एक-एक सीट के लिए कई योग्य उम्मीदवार थे, लेकिन टिकट एक ही व्यक्ति को मिल सकता है। वरीयता और परिस्थिति के अनुसार निर्णय लिया गया।
सवाल – बागी कितना नुकसान करेंगे, जिम्मेदारी कैसे तय होगी
जवाब – भाजपा ने सभी को मान सम्मान दिया है। पार्टी परिवार की तरह चलती है। हमने अपने लोगों को समझाकर अपने पक्ष में खड़ा कर लिया है। अधिकतर लोग पार्टी हित में समर्थन में आ गए हैं। कोई नुकसान नहीं करेगा। हमने काफी लोगों को पार्टी से निष्कासित किया है। बागियों के जो पैरोकार थे, उनकी भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
सवाल – भाजपा का मुख्य मुकाबला किससे है
जवाब – हमारा किसी एक दल से मुकाबला नहीं है, कहीं सपा से, कहीं बसपा से, कहीं कांग्रेस तो कहीं निर्दलीय से भी मुकाबला हो रहा है। अखिलेश यादव और मायावती चुनाव प्रचार में निकले ही नहीं हैं। जबकि भाजपा सरकार और संगठन का एक-एक पदाधिकारी, कार्यकर्ता जनता के बीच गया है।
सवाल – अल्पसंख्यकों को टिकट देने का कितना फायदा होगा
जवाब – हम राजनीति में सभी को साथ लेकर चलते हैं। प्रत्याशी की भूमिका भी में सभी अल्पसंख्यक सहित सभी वर्गों को मौका दिया है। मुस्लिम वोट भाजपा को मिलेगा।
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