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निकाय चुनाव के बाद भाजपा संगठन ने मतदान का आकलन शुरू कर दिया है। बूथवार डाटा से मेयर के साथ ही पार्षद प्रत्याशियों की हार-जीत का गणित तय हो रहा है। मतदान कम होने के असर को भी देखा जा रहा है। संगठन के नेताओं का कहना है कि वोटर लिस्ट की खामी का खामियाजा जीत के अंतर के घटने के रूप में भी सामने आ सकता है।
चुनाव के बाद भाजपा ने अगले दिन से अपने बूथ कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने का काम शुरू कर दिया। अधिकांश जगह से एक दिक्कत जरूर बताई जा रही है। वोटर लिस्ट में खामियां बहुत रहीं। इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग मतदान ही नहीं कर पाए। ऐसे में संगठन ने अब सभी बूथ लेवल कार्यकर्ताओं से इसके लिए साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
इसमें वोटर लिस्ट से नाम गायब होने के अलावा पीठासीन अधिकारी की सूची में भिन्नता के बारे में भी बताने के लिए कहा गया है। इससे भाजपा संगठन वोटर लिस्ट की खामियों को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग और जिला निर्वाचन अधिकारी से अपनी शिकायत दर्ज कराएगा।
भाजपा के महानगर अध्यक्ष और एमएलसी मुकेश शर्मा का कहना है कि पार्टी चुनाव में मजबूती से लड़ी है, लेकिन वोटर लिस्ट की खामियों को लेकर विस्तृत जांच होनी चाहिए। बोगस नाम किस तरह सूची में शामिल हुए? पीठासीन अधिकारी के पास वोट कराने के लिए मौजूद लिस्ट में नाम लाल स्याही से क्यों कटे हुए थे। अगर इनके वोट हटे या दूसरे मतदान केंद्र पर शिफ्ट हुए? अंतिम समय पर ऐसा क्यों हुआ? लोगों को पता ही नहीं चला कि उनका वोट अब कहां पड़ेगा। इसको लेकर डीएम के अलावा राज्य निर्वाचन आयोग से भी शिकायत करेंगे।
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