
चीन की गुहार पर भारत ने एक बार फिर दरियादिली दिखाई है। चीनी नागरिकों को बचाने के लिए भारतीय नौसेना ने समुद्र में एक बड़ा ऑपरेशन शुरू किया है। जानकारी के मुताबिक, दो दिन पहले मछली पकड़ने वाला एक चीनी जहाज लू पेंग युआन यू 028 हिंद महासागर में ड़ूब गया था। इस जहाज पर 39 लोग सवार थे। चीन ने काफी प्रयास किए लेकिन वह अपने नागरिकों को खोज नहीं पाया। जिसके बाद उसने भारतीय नौसेना से मदद की मांग की। चीन के आग्रह पर भारत ने बुधवार को त्वरित मानवीय कार्रवाई करते हुए अपने विमान P8I को तैनात किया है।
नौसेना ने कहा, प्रतिकूल मौसम के बावजूद विमान ने सघन खोज अभियान चलाया और जहाज से संबंधित कई वस्तुओं का पता लगाया। त्वरित मानवीय कार्रवाई के तहत विमान ने दक्षिणी हिंद महासागर क्षेत्र में भारत से लगभग 900 समुद्री मील दूर जाकर खोजबीन की। जहाज पर चालक दल के सदस्य के रूप में 17 चीनी, 17 इंडोनेशियाई और 5 फिलिपीन के लोग सवार थे। इनमें से अब तक किसी का भी पता नहीं चला है। चीन डूबे हुए जहाज की सही लोकेशन भी बताने में सफल नहीं हुआ था, लेकिन भारतीय नौसेना ने इसका सफलतापूर्वक पता लगा लिया। चीन ने अपने जहाज को खोजने के लिए दो जहाजों को तैनात किया। नौसेना का विमान इनका मार्गदर्शन कर रहा है। पी-8आई ने डूबे हुए लोगों के सामान की खोज की है।
साथ ही चीन के आग्रह पर भारतीय विमान द्वारा एसएआर उपकरण को घटनास्थल पर तैनात किया गया था। समुद्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक विश्वसनीय और जिम्मेदार भागीदार के रूप में भारत ने अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। भारतीय नौसेना इकाइयों ने क्षेत्र में अन्य इकाइयों के साथ एसएआर प्रयासों का भी समन्वय किया और घटना स्थल पर जाने वाले पीएलए (एन) युद्धपोतों को निर्देशित किया।
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