
माफिया एवं पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को बीते नौ महीने के दौरान यूपी की अलग-अलग अदालतों ने पांच बार सजा सुनाई है। सोमवार को वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार को अवधेश राय हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जिसके बाद उसका जेल से बाहर आना मुश्किल हो गया है। दरअसल, इससे पहले सुनाई गई पांच सजा में अधिकतम दस वर्ष का कारावास दिया गया था। मुख्तार को 20 वर्ष पहले पहली बार दिल्ली की अदालत ने दस वर्ष की सजा दी थी। बीते छह वर्ष से पुलिस और अभियोजन विभाग उसे ऐसी सजा कराने को प्रयासरत था, जिससे वह कभी जेल से बाहर नहीं आ सके
स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था एवं अपराध प्रशांत कुमार ने बताया कि मुख्तार अंसारी के गैंग के 288 सदस्यों के विरुद्ध बीते छह वर्षों में प्रभावी कार्यवाही की गई है। कुल 155 मुकदमे दर्ज करने के साथ मुख्तार के 202 सहयोगियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। छह सदस्यों के खिलाफ रासुका और 156 के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की जा चुकी है। अपराध के जरिए कमाई गई मुख्तार की 586 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने और जब्त करने की कार्रवाई भी हुई है। साथ ही, उसका टेंडर आदि का 2100 करोड़ रुपये का कारोबार भी खत्म कराया जा चुका है।
इन मामलों में हो चुकी है सजा
– 5 फरवरी 2003 को दिल्ली की अदालत ने दस साल की सजा सुनाई
– 21 सितंबर 2022 को हाईकोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई
– 23 सितंबर 2022 को हाईकोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई
– 15 दिसंबर 2022 को गाजीपुर कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई
– 29 अप्रैल 2023 को गाजीपुर कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई
– 5 जून 2023 को वाराणसी कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा दी
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