
अगर, समय रहते जिम्मेदार नहीं चेते तो एक बार फिर गोरखपुर-लखनऊ हाइवे पर लोग हादसे का शिकार हो सकते हैं। दरअसल, खनन माफिया राप्ती नदी को छलनी करने के साथ ही आने-जाने के लिए बंधे को ही काटकर रास्ता बना चुके हैं। अभी तो इन रास्तों पर उड़ने वाली धूल ही मुसीबत है, लेकिन बरसात के समय में बहकर सड़क पर आने वाली मिट्टी से चलना ही दूभर हो जाएगा है। बीते वर्षों में इसकी वजह से कई बड़े हादसे सामने आ चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक, नौसड़ से जीरो प्वाइंट के बीच में खनन के ठेकों की आड़ में अवैध खनन का खेल तो चल ही रहा है, दूसरे हाइवे पर आने के लिए बंधे को भी काट दिया गया है। इस रास्ते पर तीन से अधिक जगहों पर बंधे को काटकर रास्ता बनाया गया है। क्योंकि, बंधे से खनन वाली जगह की दूरी एक से दो किलोमीटर तक है, इस वजह से सीधे आने के चक्कर में खनन माफिया ने काटकर रास्ता बना दिया है।
इन रास्तों का ही इस्तेमाल कर खनन के ट्रक, ट्रैक्टर ट्राली सीधे हाइवे पर आ जाते हैं और फिर उनकी रफ्तार हादसे की वजह बनती है। बरसात के समय में हादसे बढ़ने की आशंका भी बढ़ जाती है। क्योंकि तेज बारिश होने के बाद पानी के साथ ही मिट्टी बहकर सड़क पर आ जाती है।
बरसात बंद होने पर वह कीचड़ में बदलकर फिसलन का कारण बनती है, जिस वजह से हादसे होते हैं। सबसे बड़ी बात यह कि जिम्मेदार इस पर ध्यान नहीं देते हैं और हादसा होने के बार कार चालक की गलती निकालकर जांच की फाइल को बंद कर दी जाती है।
केस एक
585 total views