
करीब साढ़े तीन दशक पुरानी विधि थेरापीटिक लंबर पंक्चर आंखों की रोशनी लौटाने में कारगर साबित हो रही है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इस विधि से आंख की टीबी बीमारी से ग्रसित एक महिला के आंखों का उपचार किया गया और उसके आंखों की रोशनी 80 फीसदी तक आ गई है
टीबी के बैक्टीरिया की वजह से 31 वर्षीय महिला के आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली गई थी। इलाज के लिए परिजन बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी में आए।
डॉक्टरों ने जांच शुरू की तो पता चला कि महिला को ट्यूबरक्लोमा ऑप्टोकियास्मैटिक अरचनोइडाइटिस (आंख की टीबी) हो गई। शुरूआती इलाज में सफलता नहीं मिली तो डॉक्टरों ने 1987 की पुरानी तकनीक थेरापीटिक लंबर पंक्चर से इलाज शुरू किया। मरीज के आंखों की रोशनी 80 फीसदी लौट आई है।
शहर के घंटाघर की रहने वाली सरिता (31) का धीरे-धीरे आंखों से धुंधला दिखाई देने लगा। इस पर उसने शहर के कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन कोई राहत नहीं हुई। इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर डॉक्टरों ने जांच के बाद न्यूरो विभाग में दिखाने की सलाह दी।
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