लखनऊ के इंदिरानगर इलाके में रहने वाली किशोरी की हत्या के मामले में एक चौकाने वाला तथ्य सामने आया है। घटना के दिन (सात जून) फोरेंसिक टीम को किशोरी के घर उसकी कॉपी से एक सुसाइड नोट मिला था। इस सुसाइड नोट को पुलिस ने किसी के सामने उजागर भी नहीं किया था।
फोरेंसिक टीम ने सुसाइड नोट को जांच के लिए ले लिया था। अब किशोरी की हत्या के मामले में सुसाइड नोट किसने लिखा, किसने रखा, यह तथ्य बहुत ही अहम है। सुसाइड नोट की लिखावट इन्हीं सवालों का जवाब देगी और सुसाइड नोट से ही किशोरी की हत्या का राज भी खुलेगा।
सात जून को किशोरी का शव जब उसके घर में फंदे से लटकता मिला था, उस वक्त फोरेंसिक टीम को किशोरी के घर से एक सुसाइड नोट मिला था। सुसाइड नोट में किशोरी ने आरोपी किशोर से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात लिखी थी। पुलिस ने किशोरी के इस सुसाइड नोट के बारे में किसी को कुछ भी नहीं बताया था। फोरेंसिक टीम ने सुसाइड नोट को जांच के लिए कब्जे में ले लिया था।
फिलहाल किशोरी के सुसाइड नोट ने पूरे केस को उलझा दिया है। सवाल उठने लगा है कि सुसाइड नोट कहां से आया? किसने लिखा? और किसने रखा?। कहीं ऐसा तो नहीं कि किशोरी ने कुछ दिन पहले सुसाइड नोट लिखा हो, पर आत्महत्या न की हो। या फिर किसी ने किशोरी की हत्या करने के बाद सुसाइड नोट लिखकर रख दिया हो।
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