
रायबरेली में स्थानीय क्षेत्र विकास योजना से मिले बजट को खर्च करने में हो रही देरी पर सांसद सोनिया गांधी नाराज हैं। स्वीकृति के करीब आठ माह बाद भी दो करोड़ के कार्य आरंभ ही नहीं कराए गए। शुरू कराए गए कार्यों की प्रगति भी धीमी है। करीब 22 सड़कों का काम न होने से जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सांसद ने डीएम और सीडीओ को पत्र भेजकर इसके लिए कार्यदायी विभागों को उत्तरदायी बताते हुए कार्यों को शुरू कराकर प्रगति रिपोर्ट मांगी है।
जिले में विकास कार्य कराने के लिए सांसद सोनिया गांधी को हर साल बजट मिलता है। पिछले वित्तीय वर्ष में सांसद ने निधि से 22 सड़कों का निर्माण कराने के लिए स्वीकृति दी थी। सड़कों को बनवाने की जिम्मेदारी ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को दी गई।
सोनिया ने पिछले साल 18 नवंबर को ही कार्यों को स्वीकृत कर दिया था, लेकिन सड़कों के निर्माण का काम अब तक आरंभ नहीं कराया गया है। स्वीकृति होने के बावजूद अन्य कार्यदायी विभागों को भी दिए गए काम अब तक पूरे नहीं कराए जा सके हैं। दो करोड़ से अधिक के कार्य अब तक शुरू भी नहीं कराए गए हैं।
स्वीकृति के आठ माह बाद भी सड़कों का काम शुरू न होने पर सांसद ने नाराजगी जताई है। सांसद प्रतिनिधि केएल शर्मा ने डीएम और सीडीओ को पत्र भेजा है। काम शुरू न कराने के लिए पत्र में कार्यदायी विभागों को उत्तरदायी ठहराया है। साथ ही स्पष्ट किया है कि सड़कों का काम न कराए जाने के कारण जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जनता के हित में सड़कों का काम मानकों के अनुरूप आरंभ कराते हुए प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है।
सांसद निधि की 22 सड़कों में 10 शहर की
– सांसद सोनिया गांधी ने पिछले वित्तीय वर्ष में 22 सड़कों को निधि से स्वीकृति दी। इसमें 10 सड़कें शहर में बननी हैं। इसके अलावा जगतपुर, लालगंज, अमावां, दीनशाह गौरा, सतांव, महराजगंज, शिवगढ़, हरचंदपुर ब्लॉकों में भी इंटरलॉकिंग, खड़ंजा, सीसी रोड व नाली, सड़क निर्माण आदि का काम दिया है। सड़कों का काम शुरू न होने से लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
11 माह से नहीं हुई केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा
सांसद की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक हर तीन महीने में होनी चाहिए। इस बैठक में केंद्र से संचालित योजनाओं की समीक्षा होती है लेकिन पिछले 11 महीने से यह बैठक नहीं हुई। पिछली बैठक 29 अगस्त 2022 को अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में हुई थी। इस बैठक में सोनिया गांधी शामिल नहीं हुई थीं। स्मृति ईरानी अमेठी और रायबरेली में दिशा की चेयरमैन जबकि सांसद सोनिया गांधी अपने संसदीय क्षेत्र में दिशा की उपाध्यक्ष हैं।
टेंडर प्रक्रिया में देरी, कुछ काम शुरू कराए: पीडी
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