
गोरखपुर के अंडरग्राउंड क्राइम में शामिल 50 हजार का इनामी माफिया विनोद उपाध्याय को खोजने में पुलिस को अब तक नाकामी ही हाथ लगी है। खबर है कि उसे मुठभेड़ का डर सता रहा है। वह समर्पण करने के लिए तैयार है, लेकिन उसकी योजना नहीं बन पा रही है। शनिवार को आईजी जे. रविंद्र ने जोन के सभी एसपी के साथ मीटिंग कर गैंगस्टर व माफिया पर की गई कार्रवाई की समीक्षा की और माफिया विनोद को जल्द दबोचने के निर्देश दिए।
जानकारी के मुताबिक, गुलरिहा थाने में जमीन पर जबरन कब्जा करने का मामला सामने आने पर रंगदारी का केस दर्ज किया गया था। माफिया विनोद और उसके भाई संजय उपाध्याय को आरोपी बनाया गया। इसके बाद ही माफिया राकेश यादव, अजीत शाही जैसे बदमाशों पर भी पुलिस ने कई केस दर्ज किए। पुलिस ने घेराबंदी की तो माफिया अजीत शाही वकील के वेश में कोर्ट में हाजिर हो गया तो माफिया सुधीर सिंह महराजगंज कोर्ट में हाजिर हो गया था। बाद में राकेश यादव भी जेल चला गया।
पुलिस ने इनकी अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलवा दिया। विनोद के भी कब्जे पर बुलडोजर चल गया, लेकिन पकड़ में नहीं आया। इस बीच दबाव जब बढ़ा तो उसने दो बार बस्ती कोर्ट में आत्मसमर्पण की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर दी थी। फिर खबर आई कि माफिया ने नेपाल का रास्ता पकड़ लिया है। पुलिस भी मान रही है कि उसने गोरखपुर के आसपास ही ठिकाना बनाया है, फिर भी पुलिस दबोच नहीं पाई है। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों की मदद से अफसरों तक से उसने संदेह भेजा है कि उसे हाजिर हो जाने दिया, उसका एनकाउंटर न कर दिया जाए।
एसएसपी बोले-माफिया की दबोचें गर्दन, कोर्ट में पैरवी भी
गोरखपुर। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने भी अफसरों के साथ बैठक कर माफिया पर की गई कार्रवाई और कोर्ट में पैरवी की समीक्षा की। एसएसपी ने दो टूक कहा, माफिया की गर्दन दबोचें और कोर्ट में पैरवी कर सजा दिलाने में ढिलाई न करें। दरअसल, एसएसपी ने सभी माफिया के लिए एडिशनल एसपी को नोडल बना दिया है, जो गिरफ्तारी से लेकर विवेचना पूरी कराने और कोर्ट में सरकारी अधिवक्ता की मदद से पैरवी तक की माॅनीटरिंग करेंगे। इसी को लेकर शनिवार को एसएसपी ने बैठक की है।
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