
कानपुर के हैलट अस्पताल में एक सप्ताह तक रोगी सुरक्षा कार्यक्रम मनाया गया, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहा। सोमवार को लिवर सर्जरी के रोगी को हैलट इमरजेंसी से रेडियोलॉजी विभाग खाली ऑक्सीजन सिलिंडर लगाकर भेज दिया गया। रोगी के साथ न कोई रेजीडेंट डॉक्टर गया और न ही वार्ड ब्वॉय।
बची-खुची ऑक्सीजन के सहारे मरीज किसी तरह रेडियोलॉजी तक तो पहुंच गया, लेकिन इसके बाद हालत खराब होने लगी। स्ट्रेचर पर रोगी हाथ-पैर पटकने लगा। सांस फूलने लगी। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके सिंह दफ्तर से बाहर निकल आए और तुरंत रोगी को इमरजेंसी भेजा।
इमरजेंसी में भी सिलिंडर खोलने की चाबी ढूंढने में भागादौड़ी मची रही। दादानगर निवासी राजमिस्त्री हरेंद्र शर्मा (38) का पांच दिन पहले ऑपरेशन हुआ था। उसके लिवर में मवाद पड़ गया था। ऑपरेशन के बाद वह हैलट इमरजेंसी के पीओपी वार्ड में भर्ती था। सोमवार को दोबारा अल्ट्रासाउंड के लिए रेडियोलॉजी विभाग भेजा गया।
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