
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने हमास और इजराइल के बीच छिड़े युद्ध को फलस्तीनी जनता पर इजराइल की क्रूरता और विश्वसनीयता का नतीजा बताया है। बोर्ड ने युद्ध में बेगुनाहों के मारे जाने पर दुख जताया। बोर्ड ने इजराइल को जुल्म और अत्याचार के बल पर फलस्तीन की जमीन हड़पने वाला देश बताया।
बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने बयान जारी कर कहा कि हमास की मौजूदा कार्रवाई फलस्तीनी जनता के साथ किए जा रहे जुल्म और मस्जिद अल-अक्सा की बेहुरमती (अपमान) की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। इस प्रतिक्रिया को आतंकवाद कहना उत्पीड़न और जुल्म करने वालों को ताकत पहुंचाना और पीड़ितों के साथ अन्याय करना है।
मौलाना ने कहा कि हकीकत यह है कि इजराइल एक जमीन हड़पने वाला राज्य है। मौलाना ने दुख जताते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की परंपरा को नजरअंदाज कर शोषितों के बजाय उत्पीड़न करने वालों का खुला समर्थन किया, जो देश के लिए बेहद शर्मनाक और दुखद है। उन्होंने इसका समाधान तत्काल युद्धविराम को बताया।
इजराइल-फलस्तीनी विवाद का बातचीत से हो हल
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम समाज ने इजराइल और फलस्तीन के बीच चल रहे युद्ध में आम नागरिकों के मारे जाने पर दुख जताया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज हनीफ ने कहा कि हम किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने पूरे विवाद को बातचीत के जरिए हल करने की हिमायत की। उन्होंने कहा कि ये पूरा मामला अंतर्राष्ट्रीय स्तर का है, इसलिये भारत सरकार की जो भी रणनीति होगी, उनका संगठन उसका समर्थन करेगा।
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