
पुलवामा में आतंकियों ने उत्तर प्रदेश के श्रमिक की गोली मारकर हत्या कर दी। आतंकवादियों की गोली का शिकार उत्तर प्रदेश के असोहा क्षेत्र के भटपुरा गांव निवासी मुकेश रावत (39) पुलवामा के तुमची नौपोरा इलाके के ईंट-भट्ठे में मजदूरी करने पांच महीने पहले गया था। उसकी मौत से पत्नी कुसमा, पिता गंगाप्रसाद, भाई रामविलास, हरिराम व बच्चे निशा, पंकज और खुशी बेहाल हैं।
भाई हरिराम ने बताया कि मुकेश 15 साल से उसी ईंट-भट्ठे पर काम कर रहा था। उसके साथ रिश्तेदार और क्षेत्र के अन्य लोग भी हैं। जून में वह घर आया था। एक सप्ताह रुकने के बाद लौट था। 20 नवंबर को घर आना था।
करवा चौथ और दीपावली के लिए उसने पत्नी से रुपये भेजने की बात कही थी। रविवार सुबह उसने पत्नी से फोन पर बात की और दोपहर में खाते में कुछ रुपये भेजने को कहा था।
अब किसके लिए पहनूंगी साड़ी
पत्नी कुसमा ने बिलखते हुए बताया कि पति मुकेश से सुबह करीब दस बजे फोन पर बात हुई थी। बताया था कि वह काम ज्यादा होने से दिवाली पर घर नहीं आ पाएंगे। कमाई करने के बाद 20 नवंबर को घर आएंगे। पत्नी बिलखते हुए बताया कि फोन पर कहा था कि करवा चौथ में अपने लिए साड़ी और बच्चों के लिए दिवाली के लिए कपड़े खरीद लेना। लेकिन बात होने के करीब दो घंटे बाद ही उनकी हत्या की सूचना आ गई।
करवाचौथ से पहले उजड़ा सुहाग
दो दिन बाद करवा चौथ होने से वह पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखने की तैयारी कर रही थी। हर साल वह फोन पर पति की ऑनलाइन फोटो देखकर अपना व्रत तोड़ती थी। उसे नहीं पता था कि जिस पति से वह बात कर रही है। कुछ देर बाद उसकी हत्या की सूचना आएगी। पति की मौत की सूचना आते ही वह बेहोश होकर गिर गई।
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