इसे क्रोध का इंतहा कह लीजिए या भरोसे का कत्ल। जिस रचिता को अपने परिवार का हिस्सा बनाया। एक गार्जियन की तरह सात साल तक पढ़ाया। हर सुख दुख में साथ दिया। उसी ने अपने प्रेमी प्रभात के साथ मिलकर बेटे को मौत के घाट उतारने की पूरी साजिश भी रची। कुशाग्र की हत्या के खुलासे पर कुशाग्र के परिजनों के साथ इलाकाई लोग भी हैरान रह गए। कुशाग्र हत्याकांड के खुलासा हुआ, तो हर किसी का कलेजा कांप गया।
पूछताछ में पता चला कि कुशाग्र रचिता और उसके प्रेमी प्रभात से जिंदगी की भीख मांगता रहा पर दोनों को उस मासूम पर तरस नहीं आया। उन्होंने बेरहमी से नारियल की रस्सी से उसका गला घोंटकर हत्या कर दिया। इसके बाद उसके साथ पैर भी उसी रस्सी से बांधकर एक कमरे में फेंक दिया। रायपुरवा के आर्चायनगर स्थित श्री भगवती विला अपार्टमेंट निवासी मनीष कनौडिया शहर के बडे़ कपड़ा कारोबारी हैं।
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