
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब की मंडियों में धान की आवक जारी रहने के बावजूद 1559 अनाज मंडियों को बंद करने के आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के फैसले की निंदा की है। उन्होंने 20 नवंबर तक राज्य भर में धान की खरीद का काम जारी रखने की मांग भी की है।
शिअद अध्यक्ष ने कहा कि इस सरकार ने पहले दिन से ही फसल के नुकसान का मुआवजा देने से इन्कार करके किसानों के साथ भेदभाव किया है और अब मनमाने ढंग से मंडियों को बंद करके किसानों को अधर में छोड़ रही है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि इस तथ्य के बावजूद मंगलवार को मंडियों में 2.91 लाख टन धान की आवक हुई, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 18 फीसदी ज्यादा है, बावजूद इसके सरकार खरीद केंद्र बंद कर रही है।
बारिश के कारण कटाई में देरी के कारण बड़ी मात्रा में उपज अभी तक मंडियों में नहीं पहुंची है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने जुलाई में बाढ़ के कारण अपनी फसल बर्बाद होने के बाद धान की रोपाई की थी, उनकी उपज अभी तक बाजार में नहीं आ पाई है इसीलिए सरकार को पूरी उपज खरीद होने के बाद ही खरीद केंद्र बंद करने चाहिए।
बादल ने दिवाली के दिन राज्य में अचानक 4.7 लाख टन धान की आमद की भी सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि किसान जानते हैं कि दिवाली पर खरीद नहीं की जाती, क्योंकि इस दिन खरीद कर्मचारी और आढ़ती मंडियों में मौजूद नहीं होते। इसके बावजूद दिवाली पर 4.7 लाख टन उपज की खरीद हुई है। यह स्पष्ट है कि या तो धान से मुनाफा कमाने के लिए रिसाइकिल किया गया है या राज्य के बाहर से धान की खरीद की गई है। उन्होंने कहा कि चूंकि यह केवल राजनीतिक संरक्षण में किया जा सकता है, इसीलिए इस मामले की जांच राज्य सतर्कता विभाग द्वारा न करके सीबीआई को सौंप दी जानी चाहिए ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सके।
बाजवा ने भी जताया विरोध
पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने राज्य भर की 1559 अनाज मंडियों में धान की खरीद रोकने के लिए आम आदमी पार्टी सरकार की आलोचना की है। बुधवार को जारी बयान में, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि आप सरकार के फैसले से आढ़तियों के हाथों किसानों का शोषण बढ़ने की आशंका है। सरकार को तत्काल प्रभाव से सभी मंडियों में धान की खरीद फिर से शुरू करनी चाहिए।
बाजवा ने कहा कि धान की बुवाई में देरी, सर्दियों के समय से पहले आने और राज्य के कुछ हिस्सों में बेमौसम बारिश सहित कई कारणों से धान की कटाई चल रही है। 1559 मंडियों के बंद होने से छोटे और मध्यम किसानों को नुकसान होगा क्योंकि उनके पास सीमित संसाधन हैं और उनके पास धान की फसल रखने के लिए जगह नहीं है। उन्हें अपनी उपज कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पंजाब कांग्रेस हमेशा प्रदर्शनकारी किसानों के साथ खड़ी रहेगी ताकि आप सरकार पर पराली जलाने के लिए मजबूर किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को रद्द करने का दबाव बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह आप सरकार की अक्षमता थी, जिसने किसानों को पराली जलाने के लिए मजबूर किया।
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