
प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर में मनाया गया मानव अधिकार दिवस
कौशाम्बी
मानव अधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को मनाया जाता है। 1945 में अपनी स्थापना के समय से ही संयुक्त राष्ट्रसंघ ने मानव अधिकारों की अभिवृद्धि एवं संरक्षण के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे । जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने 10 दिसंबर 1948 को स्वीकार किया ।
मानव दिवस के अवसर पर नेवादा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय भगवान पुर में शिक्षकों व बच्चों ने मिलकर मानव दिवस मनाते हुए एकता के रूप में रहने का संदेश दिया । शिक्षिका सुमन कुशवाहा ने मानव दिवस के संबंध में बताया कि मानवाधिकार मनुष्य के वे मूलभूत सार्वभौमिक अधिकार हैं जिनसे मानुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि पर किसी भी दूसरे कारक के आधार पर वंचित नहीं किया जा सकता है। किसी भी मनुष्य की जिंदगी में आजादी, बराबरी और सम्मान का अधिकार ही मानव अधिकार है। हमारा संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है बल्कि इसे तोड़ने वालों को अदालत सजा भी देती है। भारत सरकार ने इसे 28 सितंबर 1993 को कानून बनाते हुए 12 अक्टूबर 1993 को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन कर दिया है। जिसमें बाल विवाह, महिला अधिकार, बाल मजदूरी, स्वास्थ्य, एचआइवी, भोजन, हिरासत और मुठभेड़ में होने वाली मौत शामिल है।
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