
रेलवे के सिस्टम में नहीं है अयोध्या स्टेशन, कई अन्य स्टेशन और ट्रेनों के नाम भी हैं गायब, जानें इनके नाम
Indian Railway News फैजाबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अयोध्या कैंट हुए लंबा समय बीत गया लेकिन अभी तक रेलवे में इस नाम का कोई स्टेशन नहीं है। स्टेशन पर जगह-जगह अयोध्या कैंट तो लिख दिया गया लेकिन उद्घोषणा सिस्टम में इसका नाम अभी शामिल नहीं किया गया है।
केवल अयोध्या कैंट ही नहीं कामाख्या, गीजापुर, दानापुर स्टेशन के बारे में सिस्टम को कोई जानकारी नहीं है। इसी तरह कई ट्रेनों के बारे में भी सिस्टम अनजान है। रेलवे की इस लापरवाही के चलते यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इन स्टेशन की ओर जाने वाली ट्रेनों की उद्घोषणा कंप्यूटराइजड सिस्टम के बजाय कर्मचारियों द्वारा की जाती है।जिससे कई बार यात्रियों की ट्रेन छूट जाती है।
रेलवे ने सभी प्रमुख स्टेशनों पर यात्रियों को ट्रेनों से संबंधित जानकारी देने के लिए कंप्यूटराइजड उद्घोषणा सिस्टम लगाया है।इस सिस्टम को रिसर्च एंड स्टैंडर्ड आर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा प्रमाणित किया जाता है।सिस्टम को अपडेट करने, रखरखाव करने, नई ट्रेनों व स्टेशन का नाम जोड़ने के लिए आरडीएसओ द्वारा नामित एजेंसी है। रेलवे स्टेशन पर पूछताछ कक्ष में तैनात कर्मचारी कंप्यूटर पर ट्रेन नंबर डालता है और सिस्टम लगातार उद्घोषणा करता रहता है। सिस्टम के खराब होने या नई स्पेशल ट्रेन की कर्मचारी द्वारा मैनुअल उद्घोषणा की जाती है।
दो माह पहले फैजाबाद स्टेशन का नाम परिवर्तन कर अयोध्या कैंट किया गया है। सिस्टम में अयोध्या कैंट स्टेशन का नाम नहीं भरा गया है। इसी तरह से कामाख्या, गीजापुर, दानापुर रेलवे स्टेशन और सुहेल देव एक्सप्रेस, महामना एक्सप्रेस, अंत्योदय एक्सप्रेस का नाम सिस्टम में फीड नहीं किया गया है। पूछताछ कक्ष में तैनात कर्मचारी ट्रेन आने के समय मैनुअल उद्घोषणा करता है। बार-बार उद्घोषणा नहीं होने से यात्रियों को ट्रेन की समय से जानकारी नहीं मिल पाती है, जिसके चलते कई यात्रियों की ट्रेन छूट जाती है। कुछ यात्रियों को भागकर ट्रेन पकड़ना पड़ता है।
पूछताछ कक्ष में तैनात कर्मचारी संबंधित विभाग को कई बार पत्र भेजकर सिस्टम को अपडेट करने का अनुरोध कर चुके हैं।इसके बाद भी नामित एजेंसी द्वारा सिस्टम को चार साल से अपडेट नहीं किया गया है। कोरोना संक्रमण के बाद से स्पेशल ट्रेनों को चलाया गया था। उस समय एजेंसी की तकनीकी टीम आयी थी और स्पेशल ट्रेन का नाम भर कर चली गई थी।मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर दस साल से अधिक पूराना उद्घोषणा सिस्टम लगा हुआ है, जो बार-बार खराब भी होता रहता है, इसे बदलने का प्रयास तक नहीं किया गया।
प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधीर सिंह ने बताया कि उद्घोषणा सिस्टम में कुछ ट्रेनों व स्टेशनों का नाम अंकित नहीं हो पाया है, जिसे अंकित करने के लिए संबंधित विभाग को कहा गया है। जिस ट्रेन का नाम सिस्टम में नहीं है, उसके बारे में कर्मचारी द्वारा मैनुअल उद्घोषणा की जाती है।
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