
मानव जीवन को बचाने हेतु पेड़ पौधों का होना बहुत जरूरी-सुशील चतुर्वेदी वन क्षेत्राधिकारी
गोंडा
विश्व पर्यावरण दिवस पर सादुल्ला नगर वन रेंज के पदाधिकारियों वो कर्मचारियों ने सिंगार घाट गोशाला में पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित कर पर्यावरण संतुलन पर बल दिया। इस दौरान वन क्षेत्राधिकारी सुशील चतुर्वेदी ने अपने स्टाफ के साथ मिलकर विश्व पर्यावरण दिवस पर आंवला, जामुन,शीशम, के पौधे रोपित किए।
वन क्षेत्राधिकारी सुशील चतुर्वेदी ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की थी। इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद शुरू किया गया था। 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।
वन क्षेत्राधिकारी सुशील चतुर्वेदी ने कहा कि पर्यावरण को संरक्षण सम्बर्धन हेतु वृक्षारोपण बहुत जरूरी है। मानव जीवन को बचाने हेतु पेड़ पौधों का होना बहुत जरूरी है। पेड़ पौधे ऑक्सीजन देते हैं तथा कार्बनडाइ ऑक्साइड को ग्रहण करते हैं। वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानव पर्यावरण विषय पर संयुक्त राष्ट्र महासभा का आयोजन किया गया था। इसी चर्चा के दौरान विश्व पर्यावरण दिवस का सुझाव भी दिया गया और इसके दो साल बाद, 5 जून 1974 से इसे मनाना भी शुरू कर दिया गया। 1987 में इसके केंद्र को बदलते रहने का सुझाव सामने आया और उसके बाद से ही इसके आयोजन के लिए अलग अलग देशों को चुना जाता है। इसमें हर साल 143 से अधिक देश हिस्सा लेते हैं और इसमें कई सरकारी, सामाजिक और व्यावसायिक लोग पर्यावरण की सुरक्षा, समस्या आदि विषय पर बात करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य हमारी प्रकृति की रक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाना और दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों को देखना है। इस दौरान उप क्षेत्रीय वन अधिकारी साजेन्दर मिश्रा,उप क्षेत्रीय वन अधिकारी सर्वेश सिंह, वन रक्षक सुधीर श्रीवास्तव,वन रक्षक रामकेश, प्रधान प्रतिनिधि रामचन्द्र सहित ग्रामीण भी उपस्थित रहे।
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