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मार्निंग वॉक पर निकले दोस्तों को कार ने टक्कर मारी,एक की मौत
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लखनऊ रोड पर सुरसा थाने के सिंघुआमऊ के पास हुआ हादसा
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ज़ख्मी हुए युवक का मेडिकल कालेज में चल रहा है इलाज
हरदोई।
लखनऊ हरदोई मार्ग पर मार्निंग वॉक पर निकले दो दोस्तों को तेज़ रफ्तार कार ने टक्कर मार दी। जिससे एक की मौत हो गई। जबकि दूसरा ज़ख्मी हो गया। पुलिस ने शव को अपने कब्ज़े में लेते हुए उसका पोस्टमार्टम कराया है।हादसे की जांच-पड़ताल की जा रही है।
बताया गया है कि कोतवाली शहर के लालपालपुर निवासी ओमप्रकाश द्विवेदी का 22 वर्षीय पुत्र अंकित द्विवेदी पालपुर चौराहे पर जनसेवा केंद्र चलाता था। मंगलवार की सुबह अंकित और पालपुर चौराहा निवासी उसका 21 वर्षीय दोस्त लकी पुत्र राजू, दोनों लखनऊ रोड पर मार्निंग वॉक कर रहे थे। इसी बीच सुरसा थाने के सिंघुआमऊ के पास तेज़ रफ्तार कार ने उन दोनों को टक्कर मार दी। इस हादसे में दोनों बुरी तरह ज़ख्मी हो गए। दोनों को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। जहां डाक्टरों ने अंकित की हालत बिगड़ती देख उसे लखनऊ के लिए रिफर कर दिया। जहां मंगलवार की देर शाम अंकित की इलाज के दौरान मौत हो गई। इसका पता होते ही समूचे लालपालपुर में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव को अपने कब्ज़े में लेते हुए उसका पोस्टमार्टम कराया है। सड़क हादसे की जांच-पड़ताल की जा रही है।
एक बचा था,वह भी चल बसा
हरदोई। बुज़ुर्ग ओमप्रकाश के दो बेटे और दो बेटियां थीं। बड़े बेटे अनुज और दोनों बेटियों की शादी हो चुकी थी। कुछ साल पहले की बात है ओमप्रकाश के बड़े बेटे अनुज की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। उसकी पत्नी और बच्चों की ज़िम्मेदारी उसके बूढ़े कंधों पर आ गई। लेकिन इसी बीच अंकित ने ज़िम्मेदारी संभाल ली और सभी का ख्याल रखता था। बुज़ुर्ग मां-बाप, भाभी और उसके बच्चों की परवरिश भी वहीं कर रहा था। तीज-त्यौहार में वह बहनों को उनका हक़ देना नहीं भूलता था। इसी वजह से अंकित सबकी आंखें का तारा बन चुका था। बुज़ुर्ग ओमप्रकाश को इस बात का पूरा भरोसा था कि बड़ा बेटा नहीं रहा, लेकिन उसका छोटा बेटा अपनी ज़िम्मेदारी को बखूबी निभा रहा है। लेकिन इसी बीच हुए हादसे ने उसके भरोसे को टुकड़े-टुकड़े कर दिया।
लाल को खोने से बेहाल है लालपालपुर
जनसेवा केंद्र चलाने वाले अंकित द्विवेदी की आस-पास के गांवों में अच्छी-खासी पहचान थी। पैसे हों या न हों अंकित किसी का काम नहीं रोकता था। किसी को भी मायूस नहीं करता था। मंगलवार को हुए हादसे की खबर सुनते ही ओमप्रकाश के घर पर खासी भीड़ इकट्ठा हो गई। बुधवार की सुबह गांव में ही शव का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान वहां मौजूद लोगों की आंखों से लगातार आंसू टपक रहे थे। लोगों की भीड़ इस बात की गवाही दे रही थी कि लालपालपुर ने अपना लाल खो दिया
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