
गोंडा।
गैरइरादतन हत्या और मारपीट के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय राजेश कुमार ने चार आरोपियों को सात साल कारावास और 18 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। बता दें कि 25 अगस्त 2011 में विवाद में एक व्यक्ति की पिटाई से मौत हो गई थी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अमित कुमार पाठक ने बताया कि राजाराम निवासी मझरेटी पटीठ ने मनकापुर कोतवाली में तहरीर देकर कहा कि ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा न हो, इसलिए प्रधान ने खड़ंजा व दीवार बनवायी गई थी। राम कैलाश चौबे, उनके लड़के विजय चौबे और दिनेश कुमार चौबे व गांव के अनुराग चौबे आकर दीवार उजाड़ने लगे। रोका तो उसे व उसके पिता को अपशब्द कहते हुए मारा पीटा।
25 अगस्त 2011 को पुलिस ने केस दर्ज कर विवेचना शुरू की, इसी बीच गंभीर चोटों के कारण वादी की मृत्यु हो गई। विवेचना में गैर इरादतन हत्या व मारपीट का पुख्ता साक्ष्य मिलने पर पुलिस ने आरोपी राम कैलाश चौबे, विजय चौबे, दिनेश कुमार चौबे व अनुराग चौबे केे खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
विचारण के दौरान न्यायालय ने अभियुक्तों के विरुद्ध अपराध का पुख्ता सबूत मिलने पर दोष सिद्ध किया। गुरुवार को मामले में निर्णय सुनाते हुए अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय ने अभियुक्त राम कैलाश चौबे, विजय चौबे, दिनेश कुमार चौबे व अनुराग चौबे को गैरइरादतन हत्या व मारपीट के अपराध में सात साल कारावास और 18-18 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया।
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