
गोंडा।
डिप्टी सीएम की सख्ती के बाद जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की चौकसी बढ़ने के बाद अधिकारी भी तेवर में आ गए हैं। इसी क्रम में गुरुवार को अल्ट्रासाउंड केंद्रों की निगरानी में लापरवाही बरतने पर डिप्टी सीएमओ डॉ. टीपी जायसवाल से कई प्रभार छिन गए। उनसे पीसीपीएनडीटी, अस्पतालों का पंजीकरण, झोलाछाप की निगरानी, शहरी स्वास्थ्य समेत अन्य प्रभार लेकर एसीएमओ डॉ आदित्य वर्मा को दे दिए गए हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बरतने में पहली गाज स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सीएमओ पर गिरी है। उनके पास से कई प्रभार छीनकर उन्हें विभिन्न अभियान की जिम्मेदारी सौंप दी गई। वह अब स्कूली बच्चों की सेहत सुधारने में पसीना बहाएंगे। अमर उजाला में 13 दिसंबर को ‘24 अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर रेडियोलॉजिस्ट नहीं शीर्षक’ से प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेकर सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने कई प्रभार छीन लिया। कन्या भ्रूण हत्या को रोकने लिए बनी मुखबिर योजना के तहत अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच में लापरवाही को लेकर कार्रवाई की गई।
शहरी स्वास्थ्य मिशन का दायित्व एसीएमओ डॉ. एपी सिंह को सौंपा गया। अब डॉ. टीपी जायसवाल के पास भंडारण ट्रांसपोर्ट, आईजीआरएस व स्कूल प्रोग्राम प्रभारी तथा कंट्रोलरूम का प्रभार बचा है।
लापरवाह लोगों पर करें कार्रवाई
स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सीएमओ को सख्त निर्देश दिए गए हैं। जो भी अधिकारी, डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डॉ. उज्जवल कुमार, जिलाधिकारी
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