
आगरा के एत्मादपुर में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों की जमीन को बेचने के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। वह प्रापर्टी का काम करता है। उसने फर्जी कृष्णा के नाम की नोटरी करवाई थी। उससे 17.5 लाख रुपये भी बरामद किए गए हैं। अब तक 10 आरोपियों को पुलिस जेल भेज चुकी है।
अपर पुलिस उपायुक्त लाइन सत्य नारायण ने बताया कि एत्मादपुर के गांव धरैरा में फर्जी तरीके से बैनामा कर करोड़ों की जमीन बेची गई थी। इस मामले में 9 आरोपी जेल जा चुके हैं। इनसे 80 लाख रुपये खातों और 80 लाख ही आरोपियों से बरामद किए थे। सोमवार को पुलिस ने नगला लाले निवासी दशरथ सिंह उर्फ नीटू को गिरफ्तार किया गया है। उसने जमीन के बैनामे के लिए नोटरी कराई थी। उससे 17.50 लाख रुपये बरामद किए गए। इस फर्जीवाड़े में कई और लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली है। इसको लेकर विवेचना चल रही है।
दर्ज हुए थे दो मुकदमे
इस मामले में 24 दिसंबर 2022 को बल्केश्वर निवासी कृष्णा तोमर ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा था कि एत्मादपुर स्थित पैतृक जमीन को तीन दिन पहले देखने गया था। तब पता चला कि जमीन को फर्जी तरीके से बेच दिया गया है। जमीन नेमिनाथ मेडिकल काॅलेज के डायरेक्टर दीपेश गुप्ता ने खरीदी थी। इस बात का पता चलने पर कृष्णा की बहन ने तनाव में आकर आत्महत्या कर ली थी। इस संंबंध में दो मुकदमे दर्ज किए गए थे। एक मुकदमा थाना एत्मादपुर में धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज से जमीन बेचने का लिखा गया, जबकि दूसरा थाना कमला नगर में आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने की धारा का था।
नोटरी कराने के दो लोगों ने लिए थे 50 लाख रुपये
पुलिस की पूछताछ में दशरथ सिंह ने बताया कि उसने गौरव यादव के साथ मिलकर फर्जी कृष्णा तोमर के नाम की नोटरी अनिल कुमार की कराई थी। इसके लिए उन्हें 50 लाख रुपये मिले थे। इसमें से 17.5 दशरथ और बाकी रकम गौरव ने रख ली। गौरव पूर्व में गिरफ्तार हुआ था। वो जेल में बंद है। दशरथ ने रकम अपने घर में ही छिपाकर रखी थी। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर रकम बरामद कर ली।
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