
प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को निशुल्क अल्ट्रासाउंड सुविधा देने का आदेश मंगलवार को जारी कर दिया गया है। इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को गाइड लाइन भी भेज दी गई है। अभी 174 निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर यह सुविधा दी जाएगी। माहभर में इनकी संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया गया है।
प्रदेश सरकार की ओर से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) चलाया जा रहा है। कई बार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी)में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं होंने से समस्या होती है। ऐसे में निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों को संबद्ध कर गर्भवती को निशुल्क जांच सुविधा देने के निर्देश दिए गए हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने निर्देश दिया है कि निशुल्क जांच सुविधा शुरू कराने के साथ ही हर जिले में सीएचसी से अल्ट्रासाउंड सेंटरों की संबद्धता बढ़ाई जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को निशुल्क जांच सुविधा मिल सके।
सरकार की ओर से गर्भवती महिलाओं को निशुल्क अल्ट्रासाउंड जांच सुविधा देने की रणनीति का खुलासा अमर उजाला ने छह फरवरी के अंक में किया था। इस खबर के छपने के बाद तैयारी तेज की गई और मंगलवार को आदेश जारी कर दिया गया है।
ई रूपी बाउचर से होगी जांच
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया है कि जिला स्तर पर एसीएमओ और ब्लॉक स्तर पर प्रभारी चिकित्साधिकारी नोडल अधिकारी रहेंगे। गर्भवती को परामर्श देने वाले चिकित्सक ओपीडी पर्चे पर अल्ट्रासाउंड जांच की जरूरत होना लिखेंगे। गर्भवती को एएनएम व चिकित्सक द्वारा ई रूपी बाउचर की जानकारी दी जाएगी। वे जिस नंबर से पंजीकरण कराएंगी, उस पर यह ई रूपी बाउचर भेजा जाएगा। इस पर महिला का नाम, मोबाइल नंबर आदि लिखा जाएगा। फिर इसके जरिए वह निजी केंद्र पर जाकर जांच करा सकेंगी। यह भी निर्देश दिया गया है कि गर्भवती की उसी दिन अल्ट्रासाउंड जांच सुविधा दिलाना सुनिश्चित करें।
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