
लोकसभा चुनाव से पहले सरकार मुस्लिम युवाओं पर खास फोकस कर रही है। इन्हें जोड़ने के लिए प्रदेश सरकार ने रोजगार मेलों का आयोजन शुरू कर दिया है। अब तक बरेली, लखनऊ, कानपुर और आजमगढ़ में मेलों का आयोजन हो चुका है। इसके तहत अभी तक करीब 4000 युवाओं को रोजगार दिलाया जा चुका है।
सरकार के इस कदम को यूपी में अल्पसंख्यक मतदाताओं को जोड़ने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। एक तरफ जहां मदरसों के बच्चों को कंप्यूटर, विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों से जोड़ा जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ अल्पसंख्यक बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार मुहैया कराने की मुहिम शुरू की गई है। इसके तहत सभी 18 मंडलों में अल्पसंख्यक रोजगार मेलों का आयोजन किया जाना है।
इन मेलों में अल्पसंख्यक कल्याण विकास राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी शामिल हो रहे हैं
मंगलवार को आजमगढ़ में मेले का आयोजन हुआ, जिसमें 13 सौ से ज्यादा लोगों को रोजगार से जोड़ने की बात कही गई । दानिश आजाद ने बताया कि अब तक कानपुर, लखनऊ व बरेली आदि मंडलों में इससे पहले मेले का आयोजन हो चुका है। खास तौर पर आठवीं व नवीं पास युवाओं को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है, जो अपने हाथ का हुनर जानते हैं। कंपनियों को मेलों में ले जाया जा रहा है।
राज्यमंत्री दानिश अंसारी के मुताबिक, काशी और गोरखपुर में बड़े मेलों का आयोजन किया जाना है, जिसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। इन दोनों स्थानों पर कम से कम 5000 युवाओं को रोजगार दिलाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इसमें विभिन्न कंपनियों का सहयोग भी मिल रहा है। बता दें कि योगी सरकार अब अल्पसंख्यकों को भी साध रही है। पसमांदा समाज के मुसलमानों का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है तो वहीं अल्पसंख्यकों को अब रोजगार से जोड़ने पर भी विशेष फोकस किया जा रहा है।
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