
धूम्रपान करने वाले वालों के करीब रहने वालों को कोविड ने ज्यादा गंभीर बनाया। पैसिव स्मोकिंग (सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने वाले लोग) के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और फिर ऐसे मरीजों को आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डॉ. यूवेंकटेश ने कार्यशाला के दौरान अपने शोधपत्र में इसका खुलासा किया।
इस रिसर्च और उसके परिणाम को लेकर सोमवार को एम्स में कार्यशाला का भी आयोजन किया गया, जिसमें देश के अलग-अलग एम्स के विशेषज्ञ मौजूद रहे। अपने शोधपत्र में डॉ. यूवेंकटेश ने बताया कि यह रिसर्च 1353 मरीजों पर हुआ, जिसमें 672 मरीज पैसिव स्मोकर थे। इन्हें कोविड संक्रमण के कारण गंभीर हालत में आईसीयू में भर्ती किया गया था। इनके सापेक्ष 681 ऐसे लोगों को भी रिसर्च में शामिल किया गया, जोकि गंभीर नहीं हुए।
कार्यशाला का उद्घाटन सांसद रवि किशन, कार्यकारी निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर, महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट सेवाग्राम के कस्तूरबा हेल्थ सोसायटी के निदेशक प्रो बीएस गर्ग और प्रो अशोक प्रसाद ने किया। इस दौरान आठ रिसर्च पेपर पढ़े गए। दूसरे चरण में विशेषज्ञों ने डायबिटीज और हाइपरटेंशन पर भी चर्चा की।
इसमें गोरखपुर, जोधपुर, भटिंडा, ऋषिकेश और पटना एम्स के विशेषज्ञ शामिल हुए। इसके अलावा गुजरात के सेवाग्राम के महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के भी विशेषज्ञ इस रिसर्च में शामिल हुए।
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