
प्रकाश सिंह बादल के निधन से पूरे देश में शोक की लहर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़ी हस्तियों ने उनके निधन पर दुख जताया। पीएम मोदी का प्रकाश सिंह बादल से गहरा नाता रहा है। पीएम मोदी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। 2015 में मोदी सरकार ने उन्हें देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। तब भाजपा और अकाली दल में गठबंधन था लेकिन अब दोनों के रास्ते अलग हैं
मोदी सरकार के एक कदम का प्रकाश सिंह बादल ने विरोध किया था। विरोध इतना किया कि उन्होंने पद्म विभूषण लौटा दिया था। दरअसल, मोदी सरकार 2020 में तीन कृषि कानूनों को लेकर आई। अकाली दल ने पंजाब में इन कानूनों का विरोध किया। शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल ने दो दशक से पुराना भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया। बाद में प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्म विभूषण लौटाने का एलान कर दिया था।
पीएम मोदी ने कहा था भारत का ‘नेल्सन मंडेला’
11 अक्तूबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाश सिंह बादल को भारत का ‘नेल्सन मंडेला’ कहा था। दरअसल, जय प्रकाश नारायण की जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली में किया गया था। इसमें प्रकाश सिंह बादल ने भी शिरकत की थी। तब ही पीएम मोदी ने उन्हें देश का ‘नेल्सन मंडेला’कहा था।
पैर छूकर पीएम मोदी लेते थे आशीर्वाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रकाश सिंह बादल को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। बता दें कि सन 2014 में नरेंद्र मोदी जब पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे तो शपथ ग्रहण समारोह में प्रकाश सिंह बादल के पांव छूकर नमन किया था। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि प्रकाश सिंह बादल उनके सियासी गुरु हैं। सन 2019 में मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बने। मगर वाराणसी सीट पर नामांकन से पहले पीएम मोदी ने प्रकाश सिंह बादल के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था।
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