
मलिहाबाद की बेटियों के पंच का दम अब दुनिया देखेगी। इनके लिए रिंग तैयार है, जिसे समारोह के दौरान बॉक्सिंग करने वाली स्थानीय बेटियों को समर्पित कर दिया जाएगा। लड़कियां का अपने क्षेत्र में बॉक्सिंग रिंग का सपना पूरा करने में मददगार बनी हैं हम संस्था की संस्थापक डॉ. संगीता शर्मा। इन्होंने यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अफसरों को बॉक्सिंग रिंग का महत्व बताते हुए इसके निर्माण के लिए तैयार किया। संस्था के अध्यक्ष अंशुमालि शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर की इस बॉक्सिंग रिंग का लोकार्पण अपर सचिव खेल नवनीत सहगल करेंगे।
बिना संसाधन के ये बच्चियां इतना बेहतर कर रही हैं
डॉ. संगीता शर्मा ने बताया कि आउटरीच प्रोग्राम के तहत हम लोग मलिहाबाद पहुंचे थे। यहां देखा कि कुछ लड़कियां बागों में बॉक्सिंग की प्रैक्टिस कर रही हैं। इनमें से कई डिस्ट्रिक्ट खेल चुकी थीं तो कुछ स्टेट और एक नेशनल कैंप से होकर आई थी। आश्चर्य हुआ कि बिना संसाधन के ये बच्चियां इतना बेहतर कर रही हैं। इन लड़कियों ने आग्रह किया कि हमारे लिए एक बॉक्सिंग रिंग बनवा दीजिए। इसके बाद से इस प्रयास में जुट गए। हम लोगों ने यूटीआई के अफसरों से बात की और उन्हें इलाके का निरीक्षण भी करवाया। आज बॉक्सिंग रिंग बनकर तैयार है
आत्मरक्षा के लिए शुरू की थी बॉक्सिंग
कोच सैफी बताते हैं इलाके में छेड़छाड़ जैसी घटनाएं होती रहती थीं। ऐसे में लगा कि यदि बच्चियों को आत्मरक्षा के लिहाज से तैयार कर दिया जाए तो अच्छा होगा। कोशिश शुरू कर दी और देखते-देखते ये लड़कियां इतना बेहतर करने लगीं कि इनकी मेहनत देख मैंने प्रतियोगिता में भेजने का फैसला लिया। अनामिका नेशनल खेलकर लौटी है। नूर इस वक्त नेशनल कैंप में है। वहीं, कामना, परविंदर कौर, अस्मिता ने खेलो इंडिया ओपन में हिस्सा लिया था। इसके अलावा शिवानी, अनामिका कुमारी और बीनू रावत ने स्टेट खेला। करीब 20 लड़कियां डिस्ट्रिक्ट में मौजूदगी दर्ज करा चुकी हैं। बताया कि यहां निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है।
अब नहीं लगेगी चोट, नहीं रुकेगी प्रैक्टिस
स्टेट चैंपियन अनामिका कहती हैं कि कई बार गड्ढों में पैर पड़ने से मोच आ जाती और कई दिनों तक प्रैक्टिस रुक जाती थी। अब रिंग बन गई है तो चोट नहीं लगेगी और हम खेल पर फोकस कर पाएंगे। अब लग रहा है कि देश के लिए मेडल जीतने का सपना पूरा होगा।
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