
प्रदेश के कई इलाकों में शनिवार को झमाझम बरसात हुई। 50 से लेकर 80 किमी की रफ्तार तक हवाएं चलीं। मौसम विभाग ने रविवार के लिए भी प्रदेश के कई इलाकों के लिए ओला-आंधी-बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। इस दौरान कानपुर नगर का पार 28.8 डिग्री और अयोध्या में 29 डिग्री दर्ज हुआ। अनुमान है कि शनिवार को सवेरे आए आंधी-तूफान और बारिश से आम की 20 फीसदी फसल बर्बाद हुई है।
आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र में शनिवार को उत्तर प्रदेश में तो महज 1.1 मिमी बारिश रिकार्ड हुई। पर क्षेत्र के अनुसार इसका वितरण अलग रहा। बहराइच में सर्वाधिक 41 मिमी बरसात रिकार्ड हुई। अयोध्या में 15.6 मिमी और बरेली में 28 मिमी बरसात हुई। सुल्तानपुर में 2.5, शाहजहांपुर में 2.5, मेरठ में 4.0 और आगरा में 7.8 मिमी बरसात हुई। इसी तरह प्रदेश में ज्यादातर इलाकों में कहीं कम तो कहीं ज्यादा पानी बरसा।
आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, प्रदेश से अभी अभी गुजरे पश्चिमी विक्षोभ के बाद एक और पश्चिमी विक्षोभ उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ रहा है। साथ ही पुरवा और पछुआ हवा के समागम के कारण एसा मौसम बना है। रविवार को कहीं तेज तो कहीं भारी बारिश के आसार हैं।
कानपुर मे सबसे कम 28.8 डिग्री रहा दिन का पारा
बीते दो दिन तक लगातार सुल्तानपुर का पारा 30 से नीचे था। शनिवार को अयोध्या का तापमान 29 डिग्री रहा, जबकि कानपुर नगर का पारा 28.8 डिग्री दर्ज हुआ। प्रदेश में अधिकतम तामान 28.8 डिग्री से 39 डिग्री के बीच रहा। वहीं न्यूनतम तापमान मेरठ में 20 से कम 19.6 डिग्री रहा। रात का पारा 26.8 डिग्री तक पहुंचा।
83 किमी. की रफ्तार से आया तूफान, शहर अस्त-व्यस्त
83 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से आए तूफान और बारिश से शनिवार को पूरा जिला अस्त-व्यस्त हो गया। 24 मिनट तक तूफान-बारिश का सितम जारी रहा। इस दरम्यान दीवारें गिरने से तीन की मौत हो गई। तीन घायल अस्पताल पहुंचे। जिले में 500 से ज्यादा पेड़ गिरने का अनुमान है। 57 पेड़ गिरने से सड़क बाधित होने की शिकायत तो अकेले नगर निगम में पहुंची। 160 बिजली के पोल शहरी क्षेत्र में धराशायी हो गए। ग्रामीण इलाकों में तो देर रात तक बिजली व्यवस्था पटरी पर नहीं लौट सकी। इन क्षेत्रों में रविवार को ही आपूर्ति सामान्य होने का अनुमान है।
शनिवार की सुबह वैसे तो सामान्य ही रही। करीब 11.45 बजे मौसम विभाग ने अचानक ऑरेंज अलर्ट जारी किया। देखते ही देखते काली घटाओं ने डेरा डाल दिया। दोपहर 12.10 बजे तूफान ने दस्तक दे दिया। इसके कुछ अंतराल में ही बारिश भी शुरू हो गई। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, शनिवार को लखनऊ में 5.6 मिमी बारिश रिकाॅर्ड हुई। शहर में हवा की रफ्तार अधिकतम 83 किमी. प्रति घंटा तक रही। यह प्रदेश में सबसे ज्यादा गति रही।
पर… सुबह से धूप के कारण चढ़ा पारा
राजधानी में अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जोकि शुक्रवार को 31.2 डिग्री सेल्सियस था। सुबह से धूप के कारण पारे में यह उछाल आया। रात के तापमान में भी बढ़ोतरी दर्ज हुई। रविवार का न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जोकि शुक्रवार को 20.6 डिग्री था। रविवार को भी इसी के आसपास तापमान रहने का आसार है।
कल से मौसम खुलने के आसार
आंचलिक विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक रविवार के बाद मौसम खुलेगा और तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होगी।
बाजारखाला, ठाकुरगंज, काकोरी में दीवार गिरने से तीन की गई जान
तूफान से बाजारखाला थानाक्षेत्र के हबीबनगर, ठाकुरगंज के कैंपवेल रोड स्थित रिफा कॉलोनी, व काकोरी के नकटौरा गांव में दीवार गिरने से तीन की मौत हो गई। इंस्पेक्टर बाजारखाला अजय नारायण सिंह के मुताबिक हबीब नगर निवासी शाहिद (14) मदरसे से पढ़कर लौटने के बाद मां जुबेदा के साथ मकान की छत पर बैठा था। इसी दरम्यान तूफान से बगल की दीवार उनपर आ गिरी। हादसे में शाहिद की मौत हो गई, जबकि जुबेदा घायल हैं।
इंस्पेक्टर ठाकुरगंज विकास राय के अनुसार रिफ़ा कॉलोनी में बंगाली पीसीओ के पास कबाड़ का काम करने वाले असम के महदुल इस्लाम की पांच साल की बेटी मिसरन उर्फ अलहुदा घर के पास खेल रही थी। इस बीच पास में ही एक बंद मकान की जर्जर दीवार उसपर गिर पड़ी। ट्राॅमा सेंटर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं, काकोरी के नकटौरा गांव निवासी यूनुस के घर की बाउंड्री गिरने से कक्षा एक में पढ़ने वाले उनके बेटे नादिश (12) की दब कर मौत हो गई।
दशहरी के शौकीनों को भी झटका…20 फीसदी तक गिर गए आम
तूफान से फलपट्टी क्षेत्र में बागों में आम बिछ गए। बागवानों का अनुमान है कि करीब 20 फीसदी आम बर्बाद हुए हैं। बागवान अशर्फी लाल ने बताया कि तूफान की मार से फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। बड़े-बड़े आम गिरने से वह मंडी में आने-पौने दामों में बिकेंगे, जिसका असर फ्रेश माल पर भी पड़ेगा। बागवान संजीत सिंह का कहना है कि बागों में शनिवार सुबह से आम तोड़ने का काम शुरू था। तूफान के बाद व्यापारियों ने ऑर्डर कैंसिल कर दिए। अब समझ में नही आ रहा है कि किस मंडी में फ्रेश माल भेजें और कहां आंधी में गिरे हुए आम, जिससे कुछ दाम वसूल सकें।
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