
गरीबी, लाचारी या फिर प्यार का झांसा देकर रईसों और रसूखदारों को ठगने वाली युवतियों का गैंग कार्रवाई से फिर बच सकता है। इस गैंग के खिलाफ पैरवी बंद हो चुकी है। पुलिस फाइनल रिपोर्ट लगाने की तैयार में है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। ठग गैंग की युवतियां फिर शिकार बना सकती हैं। दरअसल ये युवतियां मदद के नाम पर लोगों को घर बुलाती हैं और फिर गैंग की मदद से शिकार बनाती हैं।
फरवरी में सुभाष नगर थाने में एक निजी डॉक्टर ने ऐसे ही गिरोह पर रिपोर्ट कराई थी। उन्होंने लिखवाया था कि किस तरह एक लड़की खुद को बेरोजगार बताकर उनके क्लीनिक पर नौकरी करने लगी। फिर उसने अपनी मां की गंभीर बीमारी बताकर उन्हें देखने के बहाने संजय नगर अपने घर पर बुलाया।
वहां कमरे में पहले से मौजूद दूसरी लड़की उनके साथ अश्लील हरकतें करने लगी। बाद में उसकी कथित मौसी और दो लोग आ गए। मारपीट कर डेबिट कार्ड का पिन पूछ लिया और 50,000 रुपये निकाल लिए। एक शपथपत्र में लिखवा लिया कि उन्होंने रुपये उधार लिए हैं। फिर इस रकम को देने का दबाव बनाया।
पुलिस बोली- फाइनल रिपोर्ट लगाना मजबूरी
सुभाषनगर पुलिस को उन्होंने 26 नवंबर को शिकायत दी। रिपोर्ट नहीं हुई तो कोर्ट में शिकायत की। रिपोर्ट कराने के 15 दिन बाद डॉक्टर की मौत हो गई। उनकी पत्नी पहले ही स्वर्गवासी हो चुकी थीं। दो बेटियां ही परिवार में हैं। बीकॉम कर रही बड़ी बेटी ने कहा कि पुलिस जो चाहे कार्रवाई करे, वह लोग कोई दबाव नहीं बनाएंगे। सुभाषनगर इंस्पेक्टर अखिलेश प्रधान का कहना है कि विवेचक ने विधिक राय मांगी है। वादी ही नहीं है तो केस में फाइनल रिपोर्ट लगाना मजबूरी है।
सिंचाई कर्मी ने नहीं की शिकायत
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