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गोरखपुर शहर के दिल कहे जाने वाले गोलघर की सड़कों पर फड़-रेड़ी वालों ने कब्जा कर रखा है। दिन में नारियल पानी, बैग और कपड़ों की दुकानें सज जाती हैं, जबकि शाम ढलते ही खानपान के ठेले लग जाते हैं। जो लोग इन रेहड़ी वालों के यहां आते हैं उनकी गाड़ियां सड़क पर ही खड़ी होती हैं। यह हाल इस पूरे इलाके को नो वेडिंग जोन घोषित करने के बाद है।
नगर निगम ने सड़क पर गाड़ियां खड़ी करने वालों से 750 रुपये जुर्माना वसूलने का एलान किया था। करीब एक महीने होने को है, एक भी गाड़ी मालिक से जुर्माना नहीं वसूला। और न ही ठेले-फड़ वाले हटाए गए। सब कुछ पहले ही जैसा ही है। पूरे सिस्टम पर चढ़ावा भारी है। गोलघर के व्यापारियों का कहना है कि जब तक सख्ती नहीं होगी, सड़क को जाम से मुक्त नहीं करा पाएंगे।
मंगलवार की शाम को गोलघर की आधी सड़क पर कब्जा था। 80 फीट चौड़ी सड़क सिकुड़ कर 40-50 फीट ही रह गई थी। जलकल भवन से लेकर गांधी आश्रम की दुकान तक एक पटरी की ओर 100 से ज्यादा रेहड़ी और ठेले लगे थे। बीच-बीच में चाट-डोसा-मोमो की दुकानें थीं। 13 नारियल पानी बेचने वालों के ठेले थे। इनके चलते सड़क पतली हो गई तो गाड़ियां भी रूक-रूक कर आगे बढ़ रही थी। यह दृश्य देर शाम तक लगा रहा। हालांकि, इस बीच पुलिस भी घूमती रही लेकिन, किसी ठेले को हटवाने की बात कौन कहे, टोकना तक मुनासिब नहीं समझा।
अतिक्रमण हटे तो बाजार और सुंदर दिखे
व्यापारी अंकित दुआ, नगर निगम के अधिकारी अगर सख्ती बरत कर सड़क के किनारे लगने वाली दुकानों को हटवा दें तो सड़क चौड़ी नजर आएगी। शाम ढलने के बाद से ही सड़क सिकुड़ कर आधी रह जाती है। इस पर राह चलना मुश्किल हो जाता है।
इतनी चौड़ी सड़क फिर भी लगता है जाम
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