
दिल्ली से मिली सूचना के आधार पर राज्य बाल आयोग की टीम ने बिहार से आ रही बस को अवध चौराहे पर रोक कर उसमें से छह बच्चे छुड़ाए। इन बच्चों के साथ एक मौलवी और फैजुल्लागंज स्थित कारखाने में काम करने वाला युवक भी मौजूद था। इस रेस्क्यू आपरेशन में आयोग के साथ एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट व चाइल्ड लाइन की टीम भी शामिल थी। इन बच्चों से मिली सूचना के आधार पर पारा के सदरौना स्थित तकिया वाली मस्जिद में अवैध रूप से चल रहे मदरसे से 12 और बच्चों को छुड़ाया गया। छुड़ाए गए सभी बच्चे 8 से 14 साल की उम्र के हैं। इन्हें लाने वालों के पास माता-पिता का सहमति पत्र भी नहीं था। सभी बच्चों को वापस उनके परिवार वालों के पास भेजा जाएगा। साथ ही पुलिस उपायुक्त को पत्र भेजकर मुकदम दर्ज करने के लिए कहा गया है।
राज्य बाल आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि दिल्ली के मुक्ति फाउंडेशन से फोन आया कि बिहार से एक बस कुछ बच्चों को लेकर लखनऊ पहुंच रही है। बस अवध चौराहे पर रुकेगी। बस रोक कर जब इन्हें उतारा गया तो मौजूद मौलवी ने बताया कि सभी को सदरौना स्थित तकिया वाली मस्जिद में एक मदरसा है, वहीं इन बच्चों को ले जाया जा रहा था। इसके बाद बाल आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी, सदस्य श्याम त्रिपाठी, इंस्पेक्टर अल्पसंख्यक विभाग गयासुद्दीन खान व चाइल्ड लाइन से डॉ. संगीता शर्मा मदरसा पहुंचे।
मदरसे को घेर रखा था स्थानीय लोगों ने, पुलिस की मदद से अंदर गई टीम
स्थानीय पुलिस की मदद से मदरसे में पहुंचे और अंदर से बंद कर जांच शुरू की। इस दौरान दरवाजा खोलने को लेकर काफी हंगामा होता रहा। टीम ने दस्तावेज चेक किए गए तो पता चला की मदरसे की कोई मान्यता नही हैं। साथ ही जिस सोसाइटी पर यह चल रहा है, उसका नवीनीकरकण 2020 के बाद से नहीं है। इस दौरान मदरसा खाली था, क्योंकि बच्चों व मौलवी को वहां से हटा दिया गया था। पुलिस ने जब दबाव बनाया तब 12 बच्चे और मौलवी को बुलाया गया।
बच्चों ने बताया-बिहार से लाया गया हमें
बच्चों ने बताया कि उन्हें बिहार से यहां लाया गया है, मदरसे में पढ़ाने के लिए। हालांकि वहां की कहानी खुछ और ही कह रही थी। वहां कपड़ों के सैंपल का कैटलाग मिला। डॉ. शुचिता चतुर्वेदी के मुताबिक, सैंपल का मिलना, फैजुल्लागंज कारखाने में काम करने वाले युवक की मौजूदगी ये शक पैदा कर रही है कि इन बच्चों को पढ़ाने के लिए नहीं बल्कि काम करवाने के लिए लाया गया है। इसकी जांच की जाएगी।
चोरी से बिजली से रोशन था मदरसा
डॉ. शुचिता के मुताबिक, वहां कटिया डालने वाले तार फेंके हुए थे। फ्रिज तो थी, पर बंद। पूछा कैसे चलती है तो बताया कि बिजली कनेक्शन नहीं है। खाना बनाने वाला गैस चूल्हा का बर्नर टूटा हुआ था। पूछताछ में बताया कि इंडक्शन पर खाना बनाया जाता है।
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