
अवैध तरीके से जमीनों की प्लॉटिंग पर जीडीए ने भले ही बुलडोजर चलवा दिया है, लेकिन धंधेबाज लोगों को झांसे में फंसाकर जालसाजी से बाज नहीं आ रहे हैं। भूखंडों पर गेट बनाने और झंडी लगाने वालों पर कार्रवाई हुई तो अब इन धंधेबाजों ने जमीनों को बेचने को लिए सोशल मीडिया को खरीद-फरोख्त का प्लेटफॉर्म बना लिया है। जमकर धोखाधड़ी का खेल चल रहा है। फेसबुक पर प्लॉट की डिजाइन साझा कर नंबर उपलब्ध कराते हैं और लोग भी बिना जांच-पड़ताल के इनके चक्कर में फंस जाते हैं। मामला खुलता है तो पछतावा ही हाथ लगता है। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में इन धंधेबाजों से सतर्क रहने की जरूरत है वरना जीवन भर की गाढ़ी कमाई डूब जाएगी।
खोराबार, कोनी और कैंट क्षेत्र में फर्जी तरीके से जमीनों को बेचने का मामला पहले भी सामने आ चुका है। इसका खामियाजा लोग आज तक भुगत रहे हैं। शारदा सिटी के नाम पर जालसाजों ने लोगों को करोड़ों रुपये की चपत लगाई हैं तो सीलिंग की जमीन बेचकर भूमाफिया ने करोड़ों कमा लिए हैं। लोग केस दर्ज कराकर थाना कचहरी का चक्कर काट रहे हैं।
अब इधर, सोशल मीडिया पर अवैध तरीके से भूखंडों का सौदा हो रहा है। विभिन्न फर्मों की ओर से पीपीगंज रोड, जगदीशपुर, बाघागाड़ा सहित अन्य जगहों पर प्लॉटों की बिक्री की जा रही है। सोशल मीडिया पर तस्वीरें जारी करके लोगों को प्लाट दिखाई जा रही है। सुविधाजनक स्थान पर सपनों का घर बसाने का आश्वासन दिया जा रहा है। जीडीए अधिकारियों का कहना है कि शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाती है। लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि सोशल मीडिया पर ऐसे इश्तिहार की भरमार है, पर जीडीए के अधिकारियों की नजर नहीं जा रही है। उन्हें शिकायत का इंतजार है।
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