
बाढ़-भूकंप सहित अन्य आपदाओं में जहां पहुंच पाना मुश्किल है, अब वहां ड्रोन से दवा, इंजेक्शन व इलाज से संबंधित अन्य सामान बड़ी आसानी से भेजे जा सकेंगे। यह संभव करके दिखाया है आरएमआरसी (रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर) गोरखपुर की हिमाचल प्रदेश स्थित फील्ड टीम नेइस टीम ने बुधवार को कीलांग से 18 किलोमीटर दूर 12000 फिट की ऊंचाई पर स्थित थोलांग पीएचसी में आठ मिनट में ही ड्रोन की मदद से टेबलेट व कफ सीरप भेज दिया। उसी ड्रोन से वापस ब्लड सैंपल मंगा लिए। इस सफल प्रयोग को दिल्ली आईसीएमआर के डीजी डॉ. राजीव बहल के साथ ही पूरे देश के डॉक्टरों ने देखा और सराहा।
पहाड़ों पर अक्सर ही भूस्खलन या तेज बारिश के चलते आवागमन बाधित हो जाता है। वहीं मैदानी इलाकों में भी बाढ़ के कारण कई इलाके सड़क मार्ग से कट जाते हैं। ऐसे इलाकों में बीमार लोगों तक चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाने में काफी दिक्कतें आती हैं
बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्थित आरएमआरसी (रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर) गोरखपुर को संकट में फंसे लोगों तक बिना सेना की मदद से जरूर दवाएं पहुंचाने का एक प्रोजेक्ट मिला था। इस प्रोजेक्ट का परीक्षण हिमाचल प्रदेश स्थित कीलांग में बुधवार को किया गया। इस दौरान ड्रोन से टेबलेट व सीरप, कीलांग जिला अस्पताल से 18 किमी दूर स्थित पीएचसी थोलांग पर सफलतापूर्वक भेजा गया।
इतनी ऊंचाई पर पहली बार किया गया परीक्षण
अभी और आठ पीएचसी पर होगा परीक्षण
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