
सीलिंग की जमीन का बैनामा हुआ, खारिज-दाखिल हुआ फिर फर्जी बैनामा भी कर दिया गया। इतना सब कुछ भूमाफिया कमलेश यादव अपने साथी दीनानाथ पासवान के साथ कैसे कर ले गया, इसकी सच्चाई अब सामने आ गई है। पुलिस की जांच में पता चला है कि ठगी का पूरा नेटवर्क चौरीचौरा तहसील से चलाया जा रहा था और इसमें कुछ अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक शामिल हैं।
फिलहाल, पुलिस ने जांच के आधार पर सब रजिस्टार चंद्रभूषण शाही का नाम केस में बढ़ाने के साथ ही नोटिस जारी कर जवाब के लिए बुलाया है। उधर, इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए डीएम कृष्णा करुणेश ने चार सदस्यीय जांच कमेटी भी गठित कर दी है।
टीम में एडीएम फाइनेंस, एआईजी स्टांप सहित चार लोगों को शामिल गया है। विभागीय जांच कर पूरी रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी। खबर है कि पूर्व में रहे तहसीलदार व लेखपाल नेटवर्क के हिस्सा थे, अब उनकी भूमिका की जांच तेज कर दी गई है।
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