पेंटर की ईंट से कूंचकर हत्या

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दुबग्गा के सैदपुर मेहरी गांव निवासी सरदार (40) अपने पुराने मकान में अकेले रहता था। परिवार के अन्य लोग इसी गांव में ही नए मकान में रहते हैं। पेंटर का काम करने वाला सरदार बृहस्पतिवार शाम छह बजे रायपुर दशहरी इलाके में देसी शराब के ठेके पर लोगों को दिखा था। इसके बाद वह लापता हो गया। शुक्रवार सुबह छह बजे शराब ठेके से कुछ दूरी पर खून से लथपथ उसका शव पड़ा मिला। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर उसकी फोटो पोस्ट की। जिसके जरिये सरदार के परिजनों को जानकारी हुई।
डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने बताया कि कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। जल्द वारदात का खुलासा किया जाएगा।
पुलिस ने छानबीन शुरू की तो शराब ठेके पर सीसीटीवी कैमरे लगे मिले। मगर जब ठेका संचालक से फुटेज मांगी गई तो पता चला कि दो सप्ताह से कैमरे बंद हैं। फुटेज न मिलने से पुलिस के लिए चुनौती बढ़ गई है। वहीं, सरदार के परिजनों ने ठेके की कैंटीन संचालक पर आरोप लगाया है। पुलिस उसकी भूमिका पता कर रही है। परिजनों ने किसी से रंजिश होने की बात से इनकार किया है। ऐसे में आशनाई, नशेबाजी के विवाद या अवैध संंबंध में वारदात को अंजाम दिए जाने का शक है।
वारदात के बाद जब पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेज दिया तो ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। उनका कहना था कि मृतक के परिवार वालों के पहुंचने से पहले शव क्यों भेज दिया गया। हालांकि पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों को समझाकर शांत करा दिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि सरदार के सिर, चेहरे और सीने पर करीब 20 चोटें हैं। आशंका है कि शव की पहचान न हो सके, इसलिए चेहरे पर भी वार किए गए। अधिक रक्तस्राव से मौत होने की पुष्टि हुई है। पीएम रिपोर्ट से साफ है कि सरदार को बेहद क्रूरता से मारा गया।
सरदार के परिवार में उसकी मां उर्मिला, पांच भाई चंद्रशेखर, होरीलाल, फूलचंद, सुनील और आजाद हैं। उसके पिता का निधन हो चुका है। परिजनों ने बताया कि आपसी विवाद के चलते करीब 15 साल पहले सरदार पत्नी से अलग रहने लगा था। परिजनों ने बताया कि सरदार नशे का आदि था। वह उसी शराब ठेके की कैंटीन में मदद करता था, जहां से उसे खाने-पीने को मिल जाता था।
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